राज़नामा.कॉम डेस्क। सोशल मीडिया कंपनियों-‘फेसबुक‘,‘गूगल‘ और ‘वॉट्सऐप‘ ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का पालन करना शुरू कर दिया है, जबकि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ ने अभी तक 26 मई को लागू हुए नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘ट्विटर‘ को छोड़कर ‘गूगल‘,‘फेसबुक‘ और ‘वॉट्सऐप‘ ने सरकार के नए सोशल मीडिया नियमों के तहत ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय‘ के साथ अनुपालन रिपोर्ट भी साझा कर दी है।
हालांकि, ‘ट्विटर‘ ने अनुपालन अधिकारी का विवरण आईटी मंत्रालय को नहीं भेजा है और एक वकील को शिकायत अधिकारी के रूप में नामित किया है
बता दें कि 26 मई को केंद्र सरकार ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से नई इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड के अनुपालन का विवरण साझा करने का अनुरोध किया था।
वहीं, ‘गूगल’ और ‘फेसबुक’ ने कहा था कि वे नई गाइडलाइंस का अनुपालन करेंगे। फेसबुक का कहना है कि वह नए आईटी नियमों को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। वहीं, वॉट्सऐप ने नई गाइडलाइंस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
नई गाइडलाइंस में एक नियम का हवाला देते हुए वॉट्सऐप का कहना है कि यह यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन कर सकता है, क्योंकि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सूचना के प्रथम स्रोत्र की जानकारी देने की मांग करता है।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को उस यूजर्स की पहचान बतानी होगी, जिसने सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किया है।
क्या हैं नए आईटी नियम? 21 फरवरी 2021 को सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन लेकर आई और इन्हें लागू करने के लिए 25 मई तक का समय दिया। इन नियमों के लिए 26 मई की समयसीमा तय की गई थी। हालांकि ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया कंपनियों ने अभी तक नए नियमों का पालन नहीं किया है।
नए नियमों के अनुसार, वॉट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिये भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है।
यानी यदि कोई फेक या गलत पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था।
नए नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी) को नियुक्त करना होगा।
ये अधिकारी भारत के ही रहने वाले होने चाहिए और इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट के अलावा ऐप पर होना अनिवार्य है, ताकि लोग आसानी से शिकायत कर सकें।