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    Thursday, October 10, 2024
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      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह और उसकी पहचान कैसे की जाए

      राजनामा.कॉम डेस्क। न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह का अर्थ है जब समाचार प्रस्तुत करते समय पत्रकार या मीडिया आउटलेट एक पक्षपाती दृष्टिकोण अपनाते हैं। यह दृष्टिकोण किसी विशेष विचारधारा, राजनीतिक पक्ष, या सामाजिक समूह के पक्ष में हो सकता है, जिससे समाचार की सच्चाई और निष्पक्षता प्रभावित होती है। पूर्वाग्रह का प्रभाव बहुत व्यापक हो सकता है, जो पाठकों और दर्शकों के विचारों और धारणाओं को भी प्रभावित करता है।

      पूर्वाग्रह की पहचान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समझने में मदद करता है कि कौन सी जानकारी वस्तुनिष्ठ है और कौन सी नहीं। उदाहरण के लिए, यदि एक समाचार रिपोर्ट किसी राजनीतिक मुद्दे पर केवल एक पक्ष की राय को प्रस्तुत करती है और दूसरे पक्ष की आवाज़ को नजरअंदाज करती है, तो यह एक स्पष्ट संकेत हो सकता है कि रिपोर्ट में पूर्वाग्रह है।

      पूर्वाग्रह कई रूपों में प्रकट हो सकता है। यह खबरों की चयन प्रक्रिया में हो सकता है, जहां केवल कुछ खास खबरों को ही प्रमुखता दी जाती है जबकि अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसके अलावा, भाषा और स्वर भी पूर्वाग्रह को परिलक्षित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी घटना को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जबकि वही घटना अन्य स्रोतों में सकारात्मक रूप में दिखाई जाती है, तो यह पूर्वाग्रह का संकेत हो सकता है।

      समाचार में पूर्वाग्रह को समझना और पहचानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह समाज में धारणाओं और विचारधाराओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। निष्पक्ष और सटीक समाचार के बिना, समाज का एक बड़ा हिस्सा गलत सूचना या एकतरफा दृष्टिकोण से प्रभावित हो सकता है। अतः, न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह की पहचान करना और उसे समझना हर जागरूक नागरिक की जिम्मेदारी है।

      पूर्वाग्रह के प्रकार

      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह के कई प्रकार होते हैं, जिनमें राजनीतिक पूर्वाग्रह, सांस्कृतिक पूर्वाग्रह, और आर्थिक पूर्वाग्रह प्रमुख हैं। प्रत्येक प्रकार का पूर्वाग्रह न केवल खबरों की प्रस्तुति को प्रभावित करता है, बल्कि जनता की सोच और राय को भी प्रभावित करता है।

      राजनीतिक पूर्वाग्रह तब उत्पन्न होता है जब न्यूज़ आउटलेट्स किसी विशेष राजनीतिक दल या विचारधारा की ओर झुकाव रखते हैं। उदाहरण के लिए, एक समाचार चैनल यदि किसी एक पार्टी के नेता की उपलब्धियों को बार-बार हाईलाइट करता है जबकि विपक्षी दल की आलोचनाओं को नजरअंदाज करता है, तो यह राजनीतिक पूर्वाग्रह का स्पष्ट संकेत है। इस प्रकार का पूर्वाग्रह लोगों की राजनीतिक धारणा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

      सांस्कृतिक पूर्वाग्रह तब देखा जा सकता है जब न्यूज़ कवरेज किसी विशेष संस्कृति, समुदाय, या जाति के प्रति झुकाव दिखाती है। उदाहरण के लिए, जब किसी विशेष समुदाय की घटनाओं को प्रमुखता दी जाती है जबकि अन्य समुदायों की महत्वपूर्ण घटनाओं को नजरअंदाज किया जाता है, तो यह सांस्कृतिक पूर्वाग्रह का उदाहरण है। यह प्रकार का पूर्वाग्रह समाज में सांस्कृतिक विभाजन को बढ़ावा दे सकता है।

      आर्थिक पूर्वाग्रह तब प्रकट होता है जब न्यूज़ आउटलेट्स आर्थिक मुद्दों की रिपोर्टिंग में किसी विशेष आर्थिक नीति या वर्ग के पक्ष में झुकाव दिखाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक न्यूज़ चैनल बार-बार बड़े कॉर्पोरेशनों के फायदे और उपलब्धियों को हाईलाइट करता है जबकि छोटे व्यवसायों की समस्याओं को नजरअंदाज करता है, तो यह आर्थिक पूर्वाग्रह का संकेत है। यह प्रकार का पूर्वाग्रह आर्थिक असमानता को बढ़ावा दे सकता है।

      इन पूर्वाग्रहों की पहचान करना महत्वपूर्ण है ताकि न्यूज़ कवरेज को ज्यादा निष्पक्ष और सभ्य बनाया जा सके। पाठकों और दर्शकों को इन पूर्वाग्रहों के बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि वे खबरों को सही संदर्भ में समझ सकें और अपनी राय बना सकें।

      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह की पहचान कैसे करें?

      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह की पहचान करना एक महत्वपूर्ण कौशल है, जिसे विकसित करना आवश्यक है। पूर्वाग्रह को पहचानने के लिए कुछ संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले, भाषा का उपयोग एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि न्यूज़ रिपोर्ट में अत्यधिक सकारात्मक या नकारात्मक शब्दावली का इस्तेमाल किया गया है, तो यह पूर्वाग्रह का संकेत हो सकता है। निष्पक्ष रिपोर्टिंग में भाषा संतुलित और तटस्थ होती है।

      दूसरे, स्रोतों का चयन भी पूर्वाग्रह की पहचान में मदद कर सकता है। यदि न्यूज़ रिपोर्ट केवल एक ही प्रकार के स्रोतों पर निर्भर करती है, जैसे कि केवल सरकारी अधिकारी या किसी विशेष समूह के प्रतिनिधि, तो यह संकेत हो सकता है कि रिपोर्ट पूर्वाग्रहित है। निष्पक्ष रिपोर्टिंग में विभिन्न दृष्टिकोणों और स्रोतों को शामिल किया जाता है ताकि पूरी तस्वीर प्रस्तुत की जा सके।

      तथ्यात्मक त्रुटियाँ भी न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यदि किसी रिपोर्ट में बार-बार तथ्यात्मक त्रुटियाँ पाई जाती हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि रिपोर्ट तैयार करने वाले पत्रकार या मीडिया संगठन का उद्देश्य किसी विशेष दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। तथ्यात्मक त्रुटियाँ न्यूज़ की विश्वसनीयता को कमजोर कर सकती हैं और पाठकों या दर्शकों को गलत जानकारी दे सकती हैं।

      इन संकेतकों को ध्यान में रखते हुए, पाठक या दर्शक न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह की पहचान कर सकते हैं। यह उन्हें बेहतर तरीके से सूचित निर्णय लेने में मदद करेगा और उन्हें विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने की प्रेरणा देगा। निष्पक्ष और संतुलित न्यूज़ कवरेज की पहचान करने की यह क्षमता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब हम एक लोकतांत्रिक समाज में रहते हैं जहाँ स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

      मीडिया साक्षरता और उसकी महत्ता

      मीडिया साक्षरता, या मीडिया लिटरेसी, एक ऐसी क्षमता है जिसमें व्यक्ति विभिन्न मीडिया माध्यमों से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण, मूल्यांकन और समझ कर सकता है। आज के डिजिटल युग में, जहां सूचनाओं की बाढ़ है, मीडिया साक्षरता का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। यह केवल मीडिया सामग्री को सतही रूप से समझने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सूचना की गहराई में जाकर उसकी सत्यता और उद्देश्य को समझने की क्षमता भी शामिल है।

      मीडिया साक्षरता के माध्यम से, व्यक्ति न्यूज़ कवरेज में मौजूद पूर्वाग्रहों को पहचान सकता है। मीडिया में पूर्वाग्रह का अर्थ है, किसी विशेष दृष्टिकोण या विचारधारा को प्राथमिकता देते हुए समाचार प्रस्तुत करना। यह पूर्वाग्रह किसी भी प्रकार का हो सकता है, जैसे राजनीतिक, सांस्कृतिक, या सामाजिक। मीडिया साक्षरता लोगों को यह समझने में सक्षम बनाती है कि कौन सी खबर निष्पक्ष है और कौन सी पूर्वाग्रहित।

      इसके साथ ही, मीडिया साक्षरता लोगों को यह जानने में भी मदद करती है कि खबरों को कैसे जांचा जाए। उदाहरण के लिए, एक साक्षर व्यक्ति विभिन्न स्रोतों की तुलना कर सकता है, स्रोत की विश्वसनीयता की जांच कर सकता है, और खबर की प्रस्तुति में इस्तेमाल की गई भाषा का विश्लेषण कर सकता है। यह समझना कि कौन सी जानकारी सत्य है और कौन सी नहीं, एक महत्वपूर्ण कौशल है, जो मीडिया साक्षरता के माध्यम से विकसित किया जा सकता है।

      मीडिया साक्षरता का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह व्यक्ति को स्वतंत्र और आलोचनात्मक सोचने की क्षमता प्रदान करती है। यह लोगों को मीडिया द्वारा प्रस्तुत जानकारी पर अंधविश्वास करने के बजाय, उसे तर्कसंगत रूप से जांचने और समझने की शक्ति देती है। इस प्रकार, मीडिया साक्षरता न केवल लोगों को पूर्वाग्रह से बचाती है, बल्कि उन्हें एक जागरूक और सूचित नागरिक बनने में भी मदद करती है।

      न्यूज़ स्रोतों की जाँच-पड़ताल कैसे करें?

      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह को समझने के लिए यह ज़रूरी है कि हम न्यूज़ स्रोतों की विश्वसनीयता की जाँच करें। विभिन्न न्यूज़ स्रोतों की तुलना करना एक महत्वपूर्ण कदम है। किसी भी खबर को पढ़ते समय, यह देखना चाहिए कि क्या अन्य प्रतिष्ठित समाचार संस्थान भी उसी खबर को कवर कर रहे हैं। अगर कई विश्वसनीय स्रोत एक ही खबर की पुष्टि करते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि खबर सच्ची है।

      इसके अलावा, तथ्यों की पुष्टि करना भी महत्वपूर्ण है। अक्सर न्यूज़ रिपोर्ट्स में दावे किए जाते हैं जो जांचे नहीं गए होते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि लेख में दिए गए तथ्यों का समर्थन करने के लिए प्रमाणिक स्रोतों का हवाला दिया गया है। उदाहरण के लिए, अगर किसी न्यूज़ में कहा गया है कि किसी अध्ययन के परिणाम ऐसे थे, तो उस अध्ययन का संदर्भ और उसे प्रकाशित करने वाले संस्थान का उल्लेख होना चाहिए।

      न्यूज़ स्रोत की स्वतंत्रता की जाँच भी पूर्वाग्रह को पहचानने में मदद करती है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि न्यूज़ स्रोत किसी राजनीतिक या आर्थिक समूह से संबद्ध है या नहीं। स्वतंत्र स्रोत आमतौर पर निष्पक्ष होते हैं, क्योंकि उनका किसी विशेष समूह के प्रति कोई पक्षपात नहीं होता। वेबसाइट की “About Us” या “हमारे बारे में” पृष्ठ पर जाकर आप न्यूज़ स्रोत की पृष्ठभूमि और उसके मिशन को जान सकते हैं।

      अंततः, न्यूज़ स्रोतों की जाँच-पड़ताल का एक अन्य तरीका है लेखक की पहचान और उसकी पृष्ठभूमि की जांच करना। लेखक की प्रोफेशनल पृष्ठभूमि, उसके लेखन का अनुभव, और उसकी विश्वसनीयता को जानकर आप खबर की सटीकता का अंदाजा लगा सकते हैं। इस प्रकार, न्यूज़ स्रोतों की विश्वसनीयता की जांच करने से आप पूर्वाग्रह से बच सकते हैं और सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

      सोशल मीडिया और पूर्वाग्रह

      सोशल मीडिया ने न्यूज़ कवरेज के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। आजकल, अधिकतर लोग न्यूज़ प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं। यह प्लेटफार्म न्यूज़ को तेजी से और व्यापक रूप में साझा करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इसके साथ ही पूर्वाग्रह भी आसानी से फैल सकता है। सोशल मीडिया पर न्यूज़ प्रस्तुत करने का तरीका अक्सर पूर्वाग्रह से प्रभावित होता है, जो पाठकों की धारणा और विचारधारा को प्रभावित कर सकता है।

      सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर न्यूज़ की प्रस्तुति में कई प्रकार के पूर्वाग्रह देखने को मिल सकते हैं। सबसे पहले, एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है। यह तब होता है जब सोशल मीडिया एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं की पसंद और आदतों के आधार पर न्यूज़ फीड को कस्टमाइज करते हैं। इससे उपयोगकर्ता केवल उन्हीं न्यूज़ को देखते हैं जो उनकी पूर्वधारणाओं और विचारधाराओं के अनुरूप होती हैं, जिससे विचारों का दायरा संकुचित हो सकता है।

      दूसरे, सामाजिक पूर्वाग्रह भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सोशल मीडिया पर न्यूज़ शेयरिंग में लोगों की निजी राय और विचारधाराओं का बड़ा प्रभाव होता है। जब उपयोगकर्ता किसी न्यूज़ को साझा करते हैं, तो वे अक्सर अपने निजी दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं से प्रभावित होते हैं। इससे न्यूज़ का स्वरूप बदल सकता है और पूर्वाग्रह बढ़ सकता है।

      तीसरे, राजनीतिक और आर्थिक पूर्वाग्रह भी सोशल मीडिया न्यूज़ कवरेज में देखने को मिलते हैं। कई बार न्यूज़ संस्थाओं के राजनीतिक या आर्थिक हित होते हैं, जो उनके द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली न्यूज़ पर प्रभाव डालते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह पूर्वाग्रह और भी स्पष्ट हो सकता है, क्योंकि यहां न्यूज़ की सत्यता को जांचने का समय और साधन सीमित होता है।

      इस प्रकार, सोशल मीडिया पर न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर प्राप्त होने वाली न्यूज़ को सतर्कता से पढ़ा और समझा जाए, ताकि पूर्वाग्रह से बचा जा सके और एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।

      न्यूज़ में निष्पक्षता कैसे सुनिश्चित करें?

      न्यूज़ एजेंसियों और पत्रकारों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जनता के विश्वास को बनाए रखने में सहायक होता है। निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कुछ प्रमुख उपाय अपनाए जा सकते हैं।

      सबसे पहले, संपादकीय स्वतंत्रता का पालन अत्यावश्यक है। संपादकीय स्वतंत्रता पत्रकारों को सक्षम बनाती है कि वे बिना किसी बाहरी दबाव या हस्तक्षेप के समाचार रिपोर्टिंग कर सकें। यह सुनिश्चित करता है कि न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्टिंग स्वतंत्र और निष्पक्ष हो।

      दूसरा, विविध स्रोतों का उपयोग करना आवश्यक है। जब पत्रकार किसी कहानी की रिपोर्टिंग करते हैं, तो उन्हें विभिन्न और स्वतंत्र स्रोतों से जानकारी जुटानी चाहिए। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि समाचार व्यापक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया जा रहा है और किसी एक पक्ष का झुकाव नहीं हो रहा है।

      तीसरा, निष्पक्ष रिपोर्टिंग के सिद्धांतों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। इसमें तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करना, टिप्पणियों और तथ्यों के बीच स्पष्ट अंतर करना, और किसी भी प्रकार की अफवाह या अटकलों से बचना शामिल है। पत्रकारों को निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग से बचना चाहिए।

      इसके अतिरिक्त, न्यूज़ एजेंसियों को अपने पत्रकारों के लिए नियमित प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन करना चाहिए, जिसमें निष्पक्षता के मानकों और नैतिकता के सिद्धांतों पर जोर दिया जाए। यह सुनिश्चित करेगा कि पत्रकार अपने कार्य में निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा का पालन करें।

      अंत में, न्यूज़ एजेंसियों को चाहिए कि वे अपनी रिपोर्टिंग के प्रति जवाबदेह हों और किसी भी प्रकार की शिकायतों या आलोचनाओं को गंभीरता से लें। यह उनके लिए अपनी प्रक्रिया और मानकों को निरंतर सुधारने का एक अवसर हो सकता है। निष्पक्षता को बनाए रखना एक निरंतर प्रक्रिया है, जो न्यूज़ एजेंसी की विश्वसनीयता और जनता के विश्वास के लिए आवश्यक है।

      पाठकों और दर्शकों के लिए सुझाव

      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह को समझना और उससे बचना किसी भी जागरूक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप विविध स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें। केवल एक ही न्यूज़ चैनल या अखबार पर निर्भर न रहें, बल्कि विभिन्न स्रोतों से समाचार पढ़ें और देखें। इससे आपको विभिन्न दृष्टिकोणों की जानकारी मिलेगी और किसी एक स्रोत के पूर्वाग्रह का प्रभाव कम होगा।

      दूसरा महत्वपूर्ण कदम आलोचनात्मक सोच का विकास करना है। समाचार को पढ़ते या देखते समय उसकी सत्यता और स्रोत की विश्वसनीयता की जांच करें। सवाल पूछें: क्या यह समाचार तथ्यात्मक है या किसी की राय? क्या इसका स्रोत प्रमाणिक है? क्या अन्य स्रोत भी इस खबर की पुष्टि कर रहे हैं? इन सवालों के जवाब से आप समाचार की गुणवत्ता और पूर्वाग्रह की पहचान कर सकते हैं।

      मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है। मीडिया साक्षरता का अर्थ है कि आप समाचार और मीडिया के कार्यप्रणाली को समझें। मीडिया के विभिन्न प्रकार, जैसे कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया, के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इससे आप समझ पाएंगे कि किस प्रकार की खबरों में पूर्वाग्रह हो सकता है और क्यों। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर शेयर की जाने वाली खबरों की सत्यता की जांच करें और अफवाहों से बचें।

      अंत में, अपने पूर्वाग्रहों को पहचानना और उन्हें नियंत्रित करना भी आवश्यक है। हम सभी के अपने अपने पूर्वाग्रह होते हैं, जो हमारी सोच और समझ को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, खुद को जागरूक रखें और अपने विचारों पर सवाल उठाएं। इस प्रकार, आप न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह को पहचानने और उससे बचने में सफल हो सकते हैं।

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