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    Wednesday, April 17, 2024
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      शिवेसना के मुखपत्र ‘सामना’ का संपादकीयः महाराष्ट्र में जारी तमाशे के पीछे भाजपा का हाथ

      राजनामा.कॉम। महाराष्ट्र के शिवेसना के बागी विधायकों को केंद्र की ओर से 'वाई प्लस' सुरक्षा दिए जाने के बाद सोमवार को पार्टी ने दावा किया कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही यह सब 'तमाशा' कर रही...

      नालंदाः DSP-SHO के नाम पर एक व्यक्ति से 2.30 लाख की वसूली के आरोपी रिपोर्टर गिरफ्तार, गया जेल

      राजनामा.कॉम। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जिस उर्दू दैनिक के रिपोर्टर मो.हसनैन के द्वारा एक जमीन विवाद को लेकर डीएसपी और थानेदार के नाम पर 2.30 लाख रुपए की वसूली किए जाने की बात सामने आई थी, उसे पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। विश्वस्त...

      एक रिपोर्टर ने बिहारशरीफ डीएसपी और सोहसराय थानेदार के नाम पर 2.30 लाख रुपए वसूले, ऑडियो हुआ वायरल

      राजनामा.कॉम। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक उर्दू दैनिक के पत्रकार द्वारा एक जमीन विवाद को लेकर डीएसपी और थानेदार के नाम पर 2.30 लाख रुपए वसूली किए जाने की बात सामने आई है। सोशल मीडिया पर तेजी से...

      खुद को सीएम बताकर विज्ञापन हासिल करने वाला अखबार मालिक 5 साल बाद गिरफ्तार

      राज़नामा.कॉम। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से फर्जी ईमेल-आईडी बनाने और उनके फर्जी हस्ताक्षर कर अपने ही समाचार पत्र के लिए विज्ञापन हासिल करने के आरोप में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली  किए गए व्यक्ति की...

      राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा आज रिपोर्टर की पिटाई का मामला

      राजनामा.कॉम। झारखंड के सरायकेला जिले के तिरुलडीह के दैनिक अखबार "आज" के पत्रकार विद्युत महतो की पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक पिटाई और फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने के मामले पर नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन यानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है। कोडरमा के मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार...

      तिरूलडीह आज रिपोर्टर की पुलिस पिटाई पर रांची सांसद संजय सेठ ने लिया संज्ञान

      राजनामा.कॉम। झारखंड सरकार वर्तमान सरकार के सत्ता पर आने के बाद एक "जुमला" खूब प्रचलित हुआ था "हेमंत है, तो हिम्मत है" मगर वह जुमला अब पता चल रहा है कि किसके लिए था। दरअसल वह जुमला हिम्मती हेमंत सोरेन सरकार के सिपहसालारों और कानून के रखवाले के लिए था। जो...

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