राजनामा.कॉम डेस्क। वैश्विक महामारी कोविड-19 यानि कोरोना भी कई रूप दिखा रहा है। जहां सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर कोहराम मचा हुआ है।
ऐसा ही एक मामला अभी सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहा है। जिसमें पोस्ट करने वाले ने राज्य के एक आईएएस, मंत्री और एक न्यूज चैनल के मालिक पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।
पोस्ट के अनुसार एक आईएस ने अपनी पहुंच का लाभ उठाकर राजधानी स्थित रिम्स और सदर अस्पताल के कोटे की कोरोना टीका सहित कई महत्वपूर्ण दवाइयों को रिम्स से सटे अपने विवादित अस्पताल में खपा दिया। जिसमें एक मंत्री और एक न्यूज़ चैनल का तथाकथित मालिक भी दो करोड़ में मैनेज हो गया। हैशटैग #खेला हो गया
अब इसके पीछे की सच्चाई क्या है ये तो पोस्ट करनेवाला ही साबित कर सकता है। हालांकि सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने का दावा करनेवाली पुलिस-प्रशासन को ऐसे मामलों पर संज्ञान लेकर क्या जांच नहीं करनी चाहिए ?
क्या धार्मिक उन्माद और साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने जैसे पोस्ट पर ही आईटी सेल और खुफिया तंत्र पड़ताल कार्रवाई करे।
अगर इतना गम्भीर आरोप कोई सोशल साइट पर राज्य के आईएएस मंत्री और तथाकथित न्यूज़ चैनल के मालिक पर लगा रहा है तो निश्चित तौर पर इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
सवा तीन करोड़ झारखंड वासियों के साथ राज्य सरकार के प्रतिष्ठा का भी मामला बनता है। राज्य की जनता चीख- चीख कर सरकार से अपने और अपने परिजनों के लिए इलाज की सुविधा मांग रही हैं।
वहीं सरकार पूरी तरह से हथियार डाल चुकी है। लेकिन सरकारी तंत्र और सरकार के मंत्री के साथ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का मालिक पर घिनौने कृत्य में शामिल होने का आरोप अगर लग रहा है तो सरकार को राज्य की जनता को इसका जवाब जरूर देना चाहिए।
वैसे जिस अस्पताल का जिक्र पोस्ट में किया गया है, वह रिम्स के ठीक सामने है। और उसकी मालकिन राज्य की एक आईएएस अधिकारी है।