INR डेस्क. प्रायः एसी में सफर करने वाले रेलवे यात्री सफर के दौरान अपनी प्राइवेसी बरकरार रखना चाहते हैं। कोई उनकी ओर ताक-झांक करे, यह उन्हें पसंद नहीं। लेकिन, कोरोना काल में चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों से पर्दे हटा लिए जाने से ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था।
ऐसे में रेलवे ने यात्रियों की इस समस्या के हल के लिए ऐसी तकनीक तलाशी है, जिससे ट्रेन में पर्दे लगाने की जरूरत ही नहीं है। बावजूद यात्री अपनी सुविधा के अनुसार पर्दे में रह सकेंगे।
इसके लिए ट्रेन की खिड़कियों को पॉलिमर डिस्पर्स्ड लिक्विड क्रिस्टल आधारित स्मार्ट स्वीच से लैस किया गया है। इस तकनीक पर आधारित फिल्म हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की खिड़कियों में लगाई गई है।
पॉलिमर डिस्पर्स्ड लिक्विड क्रिस्टल आधारित स्मार्ट स्वीच से लैस खिड़कियों को यात्री अपनी सुविधा के अनुसार स्वीच ऑन और ऑफ कर सकेंगे। खिड़की के शीशे को पारदर्शी रखना है या नहीं, यह निर्णय यात्री खुद लेंगे।
इससे न सिर्फ उनकी प्राइवेसी बनी रहेगी, बल्कि खिड़कियों से आनेवाली तेज धूप और अल्ट्रावायलेट किरणों से भी उनका बचाव होगा। पहली बार हावड़ा से नई दिल्ली जानेवाली राजधानी एक्सप्रेस में इसकी शुरुआत हुई है।
इसके साथ ही 02301 हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी स्मार्ट स्वीच आधारित खिड़कियों वाली देश की पहली ट्रेन बन गई है। आने वाले दिनों में अन्य दूसरी ट्रेनों में भी ऐसी खिड़कियां लगाई जाएंगी।