सरायकेला (राज़नामा.कॉम)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली ने झारखंड के सरायकेला जिले के तिरुलडीह में आज अखबार के पत्रकार विद्युत महतो की पुलिस द्वारा न्यूज़ कवरेज के क्रम में बेरहमी से पिटाई के बाद अधमरे अवस्था में सड़क पर छोड़ देने के मामले में एसपी से जबाव-तलब किया है।
कोडरमा के मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा की शिकायत पर वाद संख्या 106/34/20/2022 मामले पर संज्ञान लेते हुए जिले के एसपी को आठ हफ्ते के भीतर दोषी पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए पीड़ित और आयोग को सूचित करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने एसपी को मामले से जुड़े प्रतियों का स्कैन कॉपी भी उपलब्ध कराया है। विदित रहे कि बीते 24 जनवरी को सरायकेला-खरसावां जिला के तिरूल्डीह थाना क्षेत्र में अवैध बालू के ट्रैक्टर की जानकारी थाना प्रभारी को देने पर भेद खुलने के डर से थाना प्रभारी राकेश मुंडा ने अपने संतरियों से पत्रकार विद्युत महतो की आधी रात को बेरहमी से पिटाई करवा दी थी।
इतना ही नहीं पिटाई के बाद पत्रकार को बीच सड़क पर अधमरा अवस्था में छोड़ दिया था। जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से विद्युत महतो को पहले ईचागढ़ अस्पताल ले जाया गया। जहां से अगले दिन जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वैसे थाना प्रभारी की धृष्टता यही कम नहीं हुई, उन्होंने पत्रकार सहित सात- आठ अन्य ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा भी दर्ज कर दिया, जिसमें सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।
हालांकि थाना प्रभारी के इस हरकत से जिले के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त व्याप्त है। जिले के पत्रकार लगातार एसपी से मामले पर कार्यवाई करने की मांग उठा रहे हैं। ऐसे में आयोग के इस फरमान के बाद एसपी क्या संज्ञान लेते हैं, यह गौर करने वाली बात होगी।