अगर राहुल गांधी को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना है तो उन्हें पहले छोटी-छोटी पहाड़ियों पर चढ़ना होगा। अगर आप इस देश से भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत जन लोकपाल जैसे कानूनों को लागू करने से होगी। देश कार्रवाई किए जाने और नियमों को लागू किए जाने को लेकर बेचैन है। देश तुरंत आज़ादी के समय से ठंडे बस्ते में पड़ी बातों के लिए लंबी योजनाएं नहीं चाहता है।
शांतिभूषण
मैं राहुल के इस बयान से सहमत हूं लोकपाल के सिस्टम ज़्यादा लोकतांत्रिक बनाए जाने की जरूरत है। लेकिन लोकपाल के मुद्दे पर जल्दी फैसला लेना होगा।
जस्टिस संतोष हेगड़े
‘आज़ादी छह दशकों बाद भी भ्रष्टाचार पर अब तक कोई ठोस कानून या कार्रवाई नहीं हुई है। राहुल की यह बात सही है कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए संवैधानिक संस्था का गठन करना होगा, लेकिन देश को तुरंत किसी उपाय की जरूरत है।‘
मेधा पाटकर
‘बहस का स्तर ऊपर उठाना सही है। भ्रष्टाचार के साथ-साथ माइनिंग, भूमि अधिग्रहण जैसे मामलों पर भी विचार किया जाए। लेकिन सबसे पहले भ्रष्टाचार पर बहस हो, जो इस समय बड़ा सवाल है। अगर आप एक मुद्दे को सुलझा नहीं सकते हैं तो बाकी मुद्दों पर आप क्या करेंगे।‘
श्री श्री रविशंकर
‘यह लंबी प्रक्रिया है। जब लोकपाल काम करना शुरू कर देगा तो आप भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आप संवैधानिक संस्था बना सकते हैं।‘
पूर्व चुनाव आयुक्त के. जे. राव
‘राहुल का प्रस्ताव सही है। अगर लोकपाल को चुनाव आयोग जैसी संस्था का दर्जा मिल जाएगा तो इससे भ्रष्टाचार से लड़ने में काफी सहूलियत मिलेगी। लेकिन मैं लोकपाल के साथ-साथ चुनाव सुधार पर भी कानून चाहता हूं।‘
सलमान खुर्शीद
‘जो लोग भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं, उनका उत्साह आज राहुल गांधी की बातों से बढ़ेगा। मैं उनके बयान का स्वागत करता हूं।‘