Friday, December 8, 2023
अन्य

    कम से कम कॉल तो कर लो पत्रकारिता के निकम्मों !!

    sudhir
    हर जगह रिज्यूम  देकर आ गया, लेकिन कहीं से कोई सुगबुगाहट नहीं है। रिज्यूम में साफ-साफ लिखा है कि मैं न्यूज़ रूम साफ्टवेयर पर काम करना अच्छी तरह से जानता हूँ। स्क्रिप्टिंग भी काफी अच्छी कर लेता हूँ।  साथ-साथ हर वो काम करना जानता हूँ,जो कि एक न्यूज़ चैनल की प्रोडक्शन टीम में होता है। फिर भी किसी अंधे को दिखता क्यों नहीं कि जिसने भी अपना रिज्यूम दिया है और उसमें लिखा क्या है। किसी के अन्दर ईमानदारी नाम की कोई चीज़ नहीं है। सब जानते है कि किस को कब और कैसे काम पर रखना है। मेरे पास लगभग हर चीज़ है पर फिर भी किसी जगह से कॉल क्यों नहीं आती है ! कारण है कि मेरे पास मीडिया में काम करने के लिए सबसे जरूरी क्वालिटी सिफारिश नही है।
    कई ऐसे लोग हैं, जिनको ढंग से हिंदी टाइपिंग भी नहीं आती है और वह शहर के नामी गिरामी चैनलों में काफी अच्छी जगहों पर काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ  नाम तो ऐसे है जिन्हें कुछ भी नहीं आता और जब भी मुझसे मिलते है तो कुछ ना  कुछ पूछते ही हैं। अब ऐसे लोग कैसे बहाल हो गये, किसी के पास है इस बात का जवाब ! जवाब हर वो इंसान जानता है जो इस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
    अगर मेरे पास किसी की सिफारिश नहीं है, किसी की पैरवी नहीं है तो इसमे मेरा क्या दोष है! मैं जानता हूं कि मै किस काम को ज्यादा अच्छे से कर सकता हूँ। मेरा कहने का सिर्फ इतना ही मकसद है कि जो अपना रिज्यूम कहीं जमा करते हैं तो उनलोगों को चाहिये कि जो उसने लिखा है वो सही है या नहीं,उसकी जाँच तो कर लें। पर कोई ये ज़हमत उठाना नहीं चाहता,क्योंकि उनके रिज्यूम पर किसी का रेफरेंस नहीं लिखा होता है।
    इस बात का उदाहरण है पटना का एक बहुत बड़ा अख़बार, जोकि अपने आप को सबसे बड़ा अख़बार बताता है। उसमें परीक्षा आयोजित कि गई थी। मैं और मेरे कुछ मित्र परीक्षा देने के लिए बड़े मन से तैयारी कर के गये थे। परीक्षा शुरू हुई। अचानक हमने सुना कि जो लोग वहाँ बैठे थे। निरीक्षण करने के लिए उनमें वो महोदया भी बैठी थी, जो कि वहाँ की एचआर थीं और उनकी देखरेख में हीं चयन की सारी प्रक्रिया सम्पन्न होनी थी। ख़ुद वह बोल रही थी कि क्या बेकार में परीक्षा का आयोजन किया है जबकि पहले से ही सारी सीटें बुक हो चुकी हैं
    इस बात से क्या पता चलता है यही कि जहां भी जाओ वहां प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं, पर परोक्ष रूप से नो वैकेंसी  की तख्ती अन्दर से लगी रहती है। यदि किसी बाहर के आदमी को रखना हीं नहीं है तो साफ-साफ क्यों नहीं एक तख्ती पर लिख कर टांग देते कि यहां केवल सिफारिश वालों को ही रखा जाता है।
    शिकायत है कि अगर आप के यहाँ कोई अपना रिज्यूम जमा करता है तो कम से कम उसको बुलाकर यह तो जांच कर लो कि वह जो दावे कर रहा है,उसमें कितनी सच्चाई है। यदि उसके बाद लगे कि वह किसी काम का नहीं है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दो । कम से कम कॉल तो करो।
    संबंधित खबरें

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    एक नजर

    - Advertisment -
    error: Content is protected !!