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    Sunday, May 5, 2024
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      मरता क्या न करता, ऐसे शोषक ‘मीडिया महारथी’ के हाथों कब तक लुटता रहता ?

      आज कल पत्रकार बनाने के नाम पर यूं तो कई मीडिया हाउस के द्वारा आईडी कार्ड और माइक देने के नाम पर छोटी मोटी रकम वसूली की जाती है, लेकिन इन सबसे आगे निकला एटीएच न्यूज 11.

      What does not die for how long would such exploiters keep looting at the hands of media masters
      भुक्तभोगी युवा पत्रकार लोकेश नाथ पांडे की दास्तां…

      इस चैनल ने माइक आईडी के नाम पर नालंदा जिले के कई युवा पत्रकारों से मोटी रकम बसूली। उसके बावजूद विज्ञापन के लिए युवा पत्रकारों पर हर महीने दबाव बनाया जाने लगा। जिसे युवा पत्रकार नहीं झेल पाए और इस प्रकार से दबाव नहीं झेलने के कारण एटीएस न्यूज 11 के नालंदा ब्यूरो चीफ पद से मैंने स्वतः एटीएच न्यूज 11 वेब चैनल को अलविदा कह दिया।

      परिणामस्वरूप इससे बौखलाए एटीएच न्यूज़ 11 के कर्ताधर्ता डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने मेरे ऊपर आपत्तिजनक आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर अनर्गल आरोप वायरल कर दिया है। इससे मैं काफी सदमे में हूं।

      मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर मैंने ऐस कौन सी गलती की एटीएच न्यूज 11 के साथ की कि आज स्वतः छोड़ने पर श्रीवास्तव इस प्रकार से गलत आरोप वायरल कर खुद की गलती को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं।

      नालंदा जिले से सबसे पहले मैं खुद ₹7000 रुपए देकर जुड़ा था। उस ₹7000 रुपए में मुझे एक चाइनीज माइक, एक आईडी कार्ड और 100 पीस विजिटिंग कार्ड मुझे दिया गया। तब मौं समझ नहीं पाया कि ₹7000 रुपए का यह क्या सिला है।

      इसके साथ ही मैंने नालंदा जिले में एटीएच न्यूज 11 में कई युवा पत्रकारों को अपने स्तर से जुड़वाया। उनसे भी मोटी रकम वसूला गया। अब युवा पत्रकार, जो विज्ञापन का दबाव नहीं झेल पा रहे थे, वे स्वतः एटीएच न्यूज 11 को छोड़ दिए।

      जिसके कथित प्रभारी संपादक डॉ. मदन मोहन युवा पत्रकारों को फोन कर धमकी दे रहे हैं कि माइक आईडी गया कार्यालय में आकर जमा कर दें नहीं तो आप के डीएम को नोटिस करूंगा।

      अब समझ में यह नहीं आ रहा है कि ऐसे वेब चैनल के कर्ताधर्ता ने ₹5000-₹5000 रुपए सभी युवा रिपोर्टरों से किस खुशी में लिए थे। उतना राशि का रिपोटिंग किट भी पत्रकारों को नहीं दिया गया।

      दरअसल, यह सब एटीएच न्यूज 11 का गोरखधंधा है। साथ ही एटीएच न्यूज़ 11के द्वारा अक्षन्त रश्मि मासिक पत्रिका जारी की गई थी। जिसके विमोचन में भी पत्रकारों पर दबाव बनाया गया कि आपको पत्रिका लेना है और अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों अधिकारियों को गिफ्ट करना है।

      इस पत्रिका को मैंने खुद ब्याज पर पैसे उठा कर डेढ़ सौ प्रतियाँ लिया, जोकि एक प्रकार से एटीएच न्यूज 11 के सभी पत्रकारों से अलग था। मैंने कई थानाध्यक्षों, पदाधिकारियों, और जनप्रतिनिधियों को गिफ्ट किया, जिसकी सभी तस्वीरें आज भी मेरे पास है।

      इसके बावजूद विज्ञापन के लिए दबाव बनाया गया। जिससे आहत होकर मैं खुद एटीएच न्यूज़ 11 को छोड़ दिया। इससे बौखला कर कथित संपादक अमित कुमार श्रीवास्तव ने अपने फेसबुक सोशल साइट्स पर मेरे ऊपर मनगढ़ंत संवेदशील आरोप लगाते हुए मेरे मानसम्मान को ठेस पहुचाने का कार्य किया है। जो कि असहनीय है।

       

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