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    Wednesday, January 15, 2025
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      दिवंगत पत्रकार के परिजनों को मिला प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला-खरसावां का संबल

      राजनामा.कॉम। सरायकेला-खरसावां जिले के एकमात्र मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठन ‘प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला-खरसावां’ ने सामाजिक सहयोग और मानवीयता की मिसाल पेश की। मंगलवार को प्रेस क्लब के सदस्यों ने चांडिल निवासी दिवंगत पत्रकार स्व. सुदेश कुमार की धर्मपत्नी श्रीमती मोहिनी सिंह से मुलाकात कर उनके हालचाल जाने और 70 हजार रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा।

      वर्तमान स्थिति पर चर्चा और सहायता का भरोसाः प्रेस क्लब के अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने श्रीमती सिंह से उनकी मौजूदा परिस्थितियों की जानकारी ली। चर्चा के दौरान उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य को लेकर अपनी चिंता साझा की।

      उन्होंने बताया कि उनके दोनों बच्चे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन आर्थिक संकट के कारण उनकी शिक्षा जारी रखना कठिन हो रहा है। रोजगार के अभाव में परिवार का भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है। इस पर मनमोहन सिंह ने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि क्लब परिवार के साथ खड़ा रहेगा।

      आपसी सहयोग और समाज का समर्थनः स्व. सुदेश कुमार के निधन के बाद प्रेस क्लब ने आपसी सहयोग से 70 हजार रुपए की राशि जुटाई। इस अभियान में संगठन से जुड़े पत्रकारों के अलावा समाज के अन्य लोगों ने भी गुप्तदान किया।

      अध्यक्ष ने बताया कि कई दानकर्ताओं ने 5,000 से 10,000 रुपए तक का योगदान दिया। उन्होंने दानदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि यह सहयोग दिवंगत पत्रकार के परिवार के लिए संकट के समय बड़ी राहत है।

      संगठन का सराहनीय कदमः इस मौके पर प्रेस क्लब के संरक्षक संतोष कुमार, उपाध्यक्ष विपिन कुमार वार्ष्णेय, सदस्यता प्रभारी विश्वरूप पांडा, खगेन चंद्र महतो, कांग्रेस महतो, कल्याण पात्रो, शशांक शेखर, परमेश्वर साव, विजय कुमार साव और सुमित सिंह समेत कई अन्य सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने परिवार को ढांढस बंधाया और साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया।

      गौरतलब है कि 17 नवंबर को पत्रकार सुदेश कुमार का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। उनके आकस्मिक निधन से परिवार आर्थिक संकट में आ गया था। प्रेस क्लब का यह प्रयास न केवल पत्रकार बिरादरी की एकजुटता का प्रमाण है, बल्कि समाज को सहयोग और संवेदनशीलता का संदेश भी देता है। यह पहल उन सभी के लिए प्रेरणा है जो किसी कठिन परिस्थिति में किसी के सहायक बनने का जज्बा रखते हैं।

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