“केरल और मद्रास उच्च न्यायालयों के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट देश में ऐसी तीसरी अदालत है, जिसने याचिकाकर्ताओं को आईटी नियम 2021 को लागू करने और सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा कार्रवाई से अंतरिम राहत दी है…
राजनामा.कॉम। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नए आईटी नियमों (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) 2021 के मामले में डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स को अंतरिम तौर पर राहत दी है।
दरअसल, हाई कोर्ट ने नए आईटी नियमों के प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है, जिसमें आचार संहिता भी शामिल है, जिसका डिजिटल न्यूज मीडिया और ऑनलाइन पब्लिशर्स द्वारा पालन किया जाना है।
लीगल न्यूज पोर्टल ‘द लीफलेट’ और पत्रकार निखिल वागले की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने नियमों की उपधाराओं 9 (1) और 9 (3) के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि आचार संहिता का ऐसा अनिवार्य पालन याचिकाकर्ताओं को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
इसके साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि उपधारा 9 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के दायरे से भी बाहर चली जाती है। पीठ ने जवाब दाखिल करने के लिए आदेश पर रोक लगाने संबंधी केंद्र सरकार के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।
पीठ का कहना था कि नियम स्पष्ट रूप से अनुचित हैं और आईटी अधिनियम के उद्देश्यों और प्रावधानों से परे हैं।
अदालत ने केंद्र को याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल करने और उसके बाद याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रत्युत्तर देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तारीख तय की गई है।
बता दें कि ‘द लीफलेट’ ने जुलाई की शुरुआत में नए आईटी नियमों 2021 को चुनौती दी थी। लीफलेट के कॉन्ट्रीब्यूटिंग एडिटर आशीष खेतान भी सह-याचिकाकर्ता थे।
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