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      द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला-खरसावां की वर्चुअल गोष्ठी में मीडिया के मूल्यों पर हुई यूं गंभीर चर्चा

      राजनामा.कॉम डेस्क। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसावां की ओर से पत्रकारिता कल आज और कल विषय पर अध्यक्ष मनमोहन सिंह राजपूत की अध्यक्षता में  एक वर्चुअल गोष्ठी आयोजित की गयी।

      बैठक में बतौर मुख्य अतिथि सरायकेला- खरसावां जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सुनील कुमार ने शिरकत की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नेपाल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनूप तिवारी एवं पिंक सिटी प्रेस क्लब (जयपुर) के अध्यक्ष मुकेश मीणा ने शिरकत की।

      The Press Club of Seraikela Kharsawan held a virtual discussion on the values of media in a virtual seminar 1वहीं, सम्मानित अतिथियों के रूप में वरिष्ठ पत्रकार कवि कुमार (जमशेदपुर) कौशलेंद्र प्रियदर्शी (पटना) मुकेश कुमार भारतीय (रांची) सोहन सिंह (रांची), आशीष मिश्रा (हैदराबाद), अन्नी अमृता (सरायकेला),  के अलावा समाज विज्ञानी रवींद्र नाथ चौबे ने शिरकत की और हिंदी पत्रकारिता दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए पत्रकारिता कल आज और कल पर अपने विचार रखे।

      कार्यक्रम की शुरूआत कोरोना काल में शहीद हुए पत्रकारों को नमन करते हुए किया गया। साथ ही हिंदी पत्रकारिता के जनक पंडित जुगल किशोर शुक्ला को याद करते हुए उन्हें भी नमन किया गया।

      हिन्दी पत्रकारिता के 195 साल के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए पटना के वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी ने अपने 22 साल के अनुभव को गोष्ठी में मौजूद पत्रकारों से साझा किया।

      उन्होंने हिंदी पत्रकारिता के स्वर्णिम युग को याद करते हुए, भावी पीढ़ी के पत्रकारों के लिए आनेवाले समय में सजग रहते हुए पत्रकारिता के मूल मान्यताओं का पलन करते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में आने की बात कहीं। उन्होंने इसे बेहद ही चुनौतियों भरा पेशा बताया।

      वहीं रांची के वरिष्ठ पत्रकार सोहन सिंह ने भी अंग्रेजी पत्रकारिता के दौर में खुद को स्थापित करने की दास्तान साझा की और हिन्दी पत्रकारिता क्षेत्र में काम करने के अनुभव को गौरवशाली क्षण बताया।

      जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार कवि कुमार ने भी अंग्रेजी पत्रकारिता के कालखंड में हिंदी पत्रकारिता को स्थापित करने में का अनुभव साझा किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में आनेवाली चुनौतियों से कैसे निपटा जाए ताकि भावी पीढ़ी के लिए एक मजबूत विरासत छोड़ी जाए इसपर प्रकाश डाला गया। उन्होंने पत्रकारिता के व्यवसायीकरण की पुरजोर खिलाफत की।

      गोष्ठी में एकमात्र महिला पत्रकार के रूप में शिरकत करनेवाली सरायकेला की वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने पत्रकारिता को ग्लैमर के रूप में न लेते हुए चुनौती के रूप में लेने की बात कही, ताकि पत्रकारिता अपने मूल उद्देश्य से न भटके।

      उन्होंने वर्तमान समय में कोरोना महामारी के शिकार हुए पत्रकारों को राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार के सहायता की घोषणा नहीं किए जाने पर क्षोभ प्रकट करते हुए राज्य सरकार से राज्य के पत्रकारों को अपना धरोहर मानते हुए उन्हें संरक्षित किए जाने की अपील की।

      वहीं राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त नेपाल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनूप तिवारी ने नेपाल में पत्रकारों को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जानेवाली सुविधाओं का जिक्र करते हुए बताया, कि नेपाल सरकार देश के पत्रकारों को कोरोना वॉरियर्स के रूप में हर सरकारी सहयोग के साथ सात लाख का बीमा दे रही है।

      उन्होंने पूरे नेपाल में पत्रकारों के एक संगठन के बैनर तले काम करने की बात कही। साथ ही वहां के सरकार और सरकारी तंत्र को पत्रकारों के हित में हमेशा सहयोगी की भूमिका में होने की बात कहीं।

      The Press Club of Seraikela Kharsawan held a virtual discussion on the values of media in a virtual seminar 2उन्होंने नेपाल में हिंदी पत्रकारिता का उज्वल भविष्य बताया और कहा वर्तमान में वहां से कई प्रमुख अखबार एवं पत्रिकाएं हिंदी में प्रकाशित हो रही है, जिसे सरकार का संरक्षण मिल रहा है। साथ ही उन संस्थानों में काम करनेवाले पत्रकारों को पूरा सहयोग भी सरकार द्वार किया जा रहा है। उन्होंने कोरोना काल कमजोर होने पर सरायकेला के पत्रकारों को नेपाल आने का न्यौता दिया।

      समाजशाश्त्री रवींद्रनान चौबे ने तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता करने की नसीत गोष्ठी में मौजूद पत्रकारों को देते हुए हिंदी पत्रकारिता का बेहतर भविष्य बताया।

      इसके अलावे संरक्षक विकास कुमार, अध्यक्ष मनमोहन सिंह, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार मेहता, सचिन मिश्रा, प्रमोद सिंह ने भी अपने- अपने विचार रखते हुए हिंदी पत्रकारिता के गौरवशाली इतिहास के मर्यादा को बनाए रखने एवं भावी पीढ़ी के पत्रकारों के लिए एक मजबूत विरासत तैयार करने की बात कही।

      अंत में डीपीआरओ सुनील कुमार ने खुद को पत्रकारिता का एक अंग बताते हुए निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता करने की बात कहीं।

      साथ ही डिजीटल पत्रकारिता को उन्होंने चुनौती बताते हुए सजग रहते हुए पत्रकारिता करने की बात कही। वैसे उन्होने पत्रकारों के हर सुख- दुःख में सरकार का प्रतिनिधि होने के नाते खड़े होने की बात कही।

      धन्यवाद ज्ञापन मुख्य संरक्षण बसंत साहू ने किया और कहा इस ऐतिहासिक क्षण को कभी भूला नहीं जा सकता। ऐसे आयोजनों से नए पत्रकारों को प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही ऐसे कार्यक्रम समय- समय पर जरूर होनी चाहिए ताकि पत्रकार एक दूसरे के अनुभव साझा कर सकें।

      वर्चुअल गोष्ठी लगभग दो घंटे तक चली और द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसावां के लगभग 35 पत्रकार जुड़े रहे। कुछ पत्रकार तकनीकी गड़बड़ियों के कारण नहीं जुड़ सके। 

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