राजनामा.कॉम डेस्क। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संस्कृति (Influencer Culture) का उदय एक प्रमुख आधुनिक घटना है जिसने हमारे समाज पर व्यापक प्रभाव डाला है। इन्फ्लुएंसर्स वे व्यक्ति होते हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का उपयोग करके बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन और सोचने के तरीके को प्रभावित करते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के विकास ने इन्फ्लुएंसर्स को एक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचने की शक्ति प्रदान की है। इन प्लेटफार्म्स की पहुंच और उपयोगकर्ता-बेस में वृद्धि ने इन्फ्लुएंसर संस्कृति को तेजी से विकसित होने में मदद की है।
सोशल मीडिया ने पारंपरिक मीडिया के मुकाबले अधिक व्यक्तिगत और अंतःक्रियात्मक मंच प्रदान किया है, जहां इन्फ्लुएंसर्स अपने अनुभव, विचार और जानकारी साझा कर सकते हैं। वे फैशन, ब्यूटी, फिटनेस, यात्रा, खाना पकाने और कई अन्य विषयों में विशेषज्ञता रखते हैं। इन इन्फ्लुएंसर्स का फॉलोअर्स के साथ एक गहरा और विश्वसनीय संबंध होता है, जो उन्हें विभिन्न उत्पादों, सेवाओं और विचारों को प्रभावी ढंग से प्रचारित करने में सक्षम बनाता है।
इन्फ्लुएंसर संस्कृति ने उपभोक्ता व्यवहार, विपणन रणनीतियों, और यहां तक कि सांस्कृतिक मानदंडों को भी नई दिशा दी है। उपभोक्ता अब पारंपरिक विज्ञापनों की बजाय अपने पसंदीदा इन्फ्लुएंसर्स की सिफारिशों पर अधिक विश्वास करते हैं। इसने ब्रांड्स को अपने मार्केटिंग दृष्टिकोण में बदलाव करने और इन्फ्लुएंसर्स के साथ साझेदारी करने के लिए प्रेरित किया है।
इन्फ्लुएंसर संस्कृति का समाज पर व्यापक प्रभाव है; यह न केवल उपभोक्ता निर्णयों को प्रभावित करती है, बल्कि समाज की विचारधारा और मूल्यों को भी आकार देती है। यह संस्कृति युवाओं के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है, जो इन्फ्लुएंसर्स को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं और उनकी शैली, जीवनशैली और विचारधारा को अपनाने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार, इन्फ्लुएंसर संस्कृति का उभरना केवल एक डिजिटल ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदय
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदय एक अभूतपूर्व घटना है जिसने न केवल डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया को बदल दिया है बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर भी गहरा प्रभाव डाला है। यह ट्रेंड मुख्य तौर पर इंस्टाग्राम, यूट्यूब, और टिक-टॉक जैसे प्लेटफार्म्स पर शुरू हुआ। इन प्लेटफार्म्स ने इन्फ्लुएंसर्स को एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहां वे अपनी क्रिएटिविटी और व्यक्तित्व को लाखों लोगों के सामने प्रस्तुत कर सकते थे।
इन्फ्लुएंसर्स का ट्रेंड सबसे पहले इंस्टाग्राम पर देखा गया, जहां फैशन, ब्यूटी, और लाइफस्टाइल से जुड़े कंटेंट ने धूम मचाई। इसके बाद यूट्यूब ने इन्फ्लुएंसर्स को एक और बड़ा मंच दिया, जहां वे व्लॉग्स, ट्यूटोरियल्स, और प्रोडक्ट रिव्यूज के माध्यम से अपनी ऑडियंस से जुड़ सके। टिक-टॉक ने भी इस ट्रेंड को बढ़ावा दिया, जहां शॉर्ट-फॉर्मेट वीडियो कंटेंट ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। इस प्लेटफार्म ने न केवल नई प्रतिभाओं को उभरने का मौका दिया, बल्कि इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक नया व्यावसायिक मॉडल भी प्रस्तुत किया।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के उदय के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। सबसे पहले, डिजिटल युग में लोगों का ध्यान तेजी से शिफ्ट हो रहा है और वे पारंपरिक मीडिया से हटकर सोशल मीडिया पर अधिक समय बिता रहे हैं। इसका फायदा उठाते हुए इन्फ्लुएंसर्स ने अपनी ऑडियंस को एंगेज करने के लिए नए और इनोवेटिव कंटेंट प्रस्तुत किया। दूसरा कारण है ब्रांड्स का इन्फ्लुएंस मार्केटिंग की ओर रुझान। ब्रांड्स ने देखा कि इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से उनके प्रोडक्ट्स और सेवाओं को एक विश्वसनीय और प्रभावशाली तरीके से प्रमोट किया जा सकता है।
अंत में, इन्फ्लुएंसर्स के उदय का एक और महत्वपूर्ण कारण है सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के एल्गोरिदम्स का इन्फ्लुएंसर फ्रेंडली होना। इन एल्गोरिदम्स ने इन्फ्लुएंसर्स को अधिक विजिबिलिटी और रीच प्रदान की, जिससे वे तेजी से फेमस हो सके। इस प्रकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदय एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसने डिजिटल युग में नई संभावनाओं और चुनौतियों को जन्म दिया है।
इन्फ्लुएंसर्स की प्रकार और उनकी भूमिका
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदय विभिन्न प्रकार के इन्फ्लुएंसर्स को परिभाषित और विभाजित करता है, जिनमें फैशन, फूड, ट्रैवल, टेक्नोलॉजी, और फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स प्रमुख हैं। प्रत्येक प्रकार के इन्फ्लुएंसर का अपनी विशेष भूमिका और प्रभाव होता है, जो उनके फॉलोअर्स के जीवन को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करता है।
फैशन इन्फ्लुएंसर्स फैशन इंडस्ट्री में नवीनतम ट्रेंड्स और स्टाइल्स को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके द्वारा साझा किए गए आउटफिट्स और स्टाइल टिप्स उनके फॉलोअर्स के पहनावे और व्यक्तिगत स्टाइल को प्रभावित करते हैं। उनकी सिफारिशों से फैशन ब्रांड्स को भी लाभ होता है, क्योंकि उनके अनुयायी उनके द्वारा सुझाए गए उत्पादों को अपनाने में अधिक प्रेरित होते हैं।
फूड इन्फ्लुएंसर्स भोजन प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। वे विभिन्न व्यंजनों, रेसिपीज, और रेस्टोरेंट्स की समीक्षाएं साझा करते हैं, जो उनके फॉलोअर्स को नई-नई डिशेज़ और भोजन के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं। उनके द्वारा सुझाए गए रेस्टोरेंट्स और कुकिंग टिप्स फॉलोअर्स के खाने-पीने के अनुभव को समृद्ध बनाते हैं।
ट्रैवल इन्फ्लुएंसर्स दुनिया भर की यात्रा करने में माहिर होते हैं। वे अपने ट्रैवल एक्सपीरियंस, गाइड्स, और डेस्टिनेशन्स की जानकारी साझा करते हैं, जो उनके फॉलोअर्स को नई जगहों की यात्रा करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी सिफारिशों से ट्रैवल इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलता है, क्योंकि लोग उनकी सलाह पर यात्रा की योजना बनाते हैं।
टेक्नोलॉजी इन्फ्लुएंसर्स नवीनतम गैजेट्स, सॉफ्टवेयर, और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। वे उत्पादों की समीक्षाएं और उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करते हैं, जो उनके फॉलोअर्स को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपडेटेड रहने में मदद करती है। उनकी समीक्षाएं और सुझाव टेक प्रोडक्ट्स की खरीदारी के निर्णय को भी प्रभावित करते हैं।
फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स स्वास्थ्य और फिटनेस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे फिटनेस रूटीन, वर्कआउट प्लान्स, और हेल्दी लाइफस्टाइल टिप्स साझा करते हैं, जो उनके फॉलोअर्स को स्वस्थ और फिट रहने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी सलाह और प्रेरणा से लोग अपने फिटनेस गोल्स को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं।
इन विभिन्न प्रकार के इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से, सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां लोग विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।
इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड साझेदारी
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड्स के बीच साझेदारी ने आधुनिक विपणन रणनीतियों में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। इन्फ्लुएंसर्स के पास उनके फॉलोअर्स और अनुयायियों का एक समर्पित समुदाय होता है, जो उनकी राय और सिफारिशों को प्रमुखता से मानता है। इस कारणवश, ब्रांड्स इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को प्रमोट करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
ब्रांड्स के लिए, इन्फ्लुएंसर्स के साथ साझेदारी करना कई लाभ प्रदान करता है। सबसे प्रमुख लाभ यह है कि इन्फ्लुएंसर्स के पास अपने फॉलोअर्स के साथ एक प्रामाणिक और विश्वासपूर्ण संबंध होता है। जब इन्फ्लुएंसर किसी प्रोडक्ट या सेवा की सिफारिश करते हैं, तो उनके अनुयायी उन पर विश्वास करते हैं, जिससे उस ब्रांड के प्रति उपभोक्ता विश्वास बढ़ता है। इसके अलावा, इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से ब्रांड्स अपने लक्षित दर्शकों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुँच सकते हैं, जो पारंपरिक विज्ञापन माध्यमों के मुकाबले अधिक व्यक्तिगत और प्रासंगिक होता है।
हालांकि, इन्फ्लुएंसर्स के साथ साझेदारी में कुछ चुनौतियाँ भी होती हैं। सबसे पहली चुनौती यह है कि सही इन्फ्लुएंसर का चयन करना, जो ब्रांड के मूल्यों और संदेश के साथ मेल खाता हो। गलत इन्फ्लुएंसर के साथ साझेदारी करने से ब्रांड की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी चुनौती यह है कि इन्फ्लुएंसर्स के साथ लंबे समय तक संबंध बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना कि वे ब्रांड के साथ प्रामाणिक रूप से जुड़े रहें।
इसके अतिरिक्त, ब्रांड्स को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि इन्फ्लुएंसर्स द्वारा प्रचारित सामग्री पारदर्शी और स्पष्ट हो। कई देशों में अब यह आवश्यक हो गया है कि इन्फ्लुएंसर्स अपने प्रायोजित पोस्ट्स को स्पष्ट रूप से चिह्नित करें, ताकि उपभोक्ता यह समझ सकें कि यह सामग्री प्रायोजित है।
संपूर्ण रूप से, इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड्स के बीच साझेदारी ने डिजिटल मार्केटिंग के परिदृश्य को बदल दिया है, और यह साझेदारी भविष्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग ने हाल के वर्षों में समाज के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदय उपभोक्ता व्यवहार को बदलने में अहम भूमिका निभा रहा है। ये इन्फ्लुएंसर्स अपने अनुयायियों के साथ एक गहरा और व्यक्तिगत संबंध बनाते हैं, जिससे उनके द्वारा प्रमोट किए गए उत्पाद और सेवाओं पर उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ता है। इस प्रकार, उपभोक्ताओं की खरीदारी आदतें और प्राथमिकताएँ अब अधिकतर इन्फ्लुएंसर्स के सुझावों पर आधारित होती जा रही हैं।
युवाओं पर इन्फ्लुएंसर संस्कृति का प्रभाव विशेष रूप से देखा जा सकता है। युवा पीढ़ी, जो सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर उपयोग करती है, इन्फ्लुएंसर्स के जीवनशैली, फैशन, और विचारधारा से अत्यधिक प्रभावित होती है। ये इन्फ्लुएंसर्स एक आदर्श की तरह उभरते हैं, जिनकी नकल करने की कोशिश युवा करते हैं। हालांकि, यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है। सकारात्मक रूप से, इन्फ्लुएंसर्स युवाओं को प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें आत्मविश्वास से भर सकते हैं। दूसरी ओर, यह उनके आत्मसम्मान पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है, खासकर जब वे इन्फ्लुएंसर्स के जीवन की असली और संपादित छवियों के बीच का अंतर नहीं समझ पाते।
सांस्कृतिक बदलाव भी इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के कारण प्रमुखता से उभर रहे हैं। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का आदान-प्रदान सोशल मीडिया के माध्यम से आसानी से हो रहा है। इन्फ्लुएंसर्स विभिन्न संस्कृतियों के प्रतीक और धरोहरों को प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे एक ग्लोबल सांस्कृतिक मिश्रण बन रहा है। हालांकि, यह प्रक्रिया कभी-कभी सांस्कृतिक अपमान का कारण भी बन सकती है, जब सांस्कृतिक तत्वों का सही तरीके से सम्मान नहीं किया जाता।
कुल मिलाकर, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग ने समाज पर गहरा और व्यापक प्रभाव डाला है। यह उपभोक्ता व्यवहार, युवाओं की मानसिकता, और सांस्कृतिक बदलाव को नई दिशा में ले जा रहा है।
नैतिक चुनौतियां और विवाद
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संस्कृति के उदय के साथ ही नैतिक चुनौतियों और विवादों का भी सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों में सबसे प्रमुख मुद्दा फर्जी फॉलोअर्स का है। कई इन्फ्लुएंसर्स अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए फर्जी फॉलोअर्स खरीदते हैं, जो उनके वास्तविक प्रभाव और पहुंच को गलत रूप से प्रस्तुत करता है। यह न सिर्फ ब्रांड्स और कंपनियों को भ्रमित करता है, बल्कि उन वास्तविक इन्फ्लुएंसर्स के साथ भी अन्याय करता है जो अपने असली फॉलोअर्स के दम पर मेहनत कर रहे हैं।
इसके अलावा, ट्रांसपेरेंसी की कमी भी एक प्रमुख नैतिक चुनौती है। कई इन्फ्लुएंसर्स अपने पोस्ट्स और प्रमोशन्स में यह स्पष्ट नहीं करते कि वे किसी विशेष उत्पाद या सेवा के प्रचार के लिए भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। यह उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकता है और उन्हें यह समझने में मुश्किल हो सकती है कि कौनसी जानकारी प्रामाणिक है और कौनसी सिर्फ विज्ञापन का हिस्सा है। इस कारण, कई देशों में अब इन्फ्लुएंसर्स के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपने प्रमोशन पोस्ट्स में स्पष्ट रूप से यह बताएं कि वे प्रायोजित हैं।
भ्रामक प्रचार भी एक बड़ा विवादास्पद मुद्दा है। इन्फ्लुएंसर्स कभी-कभी ऐसे उत्पादों या सेवाओं का प्रचार करते हैं जिनके बारे में वे स्वयं भी पूरी जानकारी नहीं रखते या जो वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उनके विश्वास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य और ब्यूटी प्रोडक्ट्स के मामले में कई इन्फ्लुएंसर्स ऐसे उत्पादों का प्रचार करते हैं जिनकी सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होता।
इन नैतिक चुनौतियों और विवादों का समाधान करने के लिए, इन्फ्लुएंसर संस्कृति में अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है। इन्फ्लुएंसर्स को अपने फॉलोअर्स के प्रति ईमानदारी और विश्वसनीयता का पालन करना चाहिए, ताकि वे अपने प्रभाव का सकारात्मक और निर्माणात्मक उपयोग कर सकें।
इन्फ्लुएंसर बनने के तरीके
इन्फ्लुएंसर बनने के लिए सबसे पहले, आपको अपनी विशिष्टता और पहचान को स्पष्ट करना होगा। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप जिस विषय पर सामग्री बना रहे हैं, उसमें आपकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता हो। एक विशिष्ट निचे (niche) का चयन करें, जैसे कि फैशन, फिटनेस, तकनीक, या भोजन, जिससे आपको अपनी सामग्री को अधिक लक्षित और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
सामग्री निर्माण के लिए योजना बनाना और नियमित रूप से उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री पोस्ट करना आवश्यक है। सामग्री आपकी ऑडियंस के लिए रोचक और मूल्यवान होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आपकी सामग्री में विविधता हो, जैसे कि वीडियो, ब्लॉग पोस्ट, इन्फोग्राफिक्स, और लाइव स्ट्रीम्स। इससे आपकी ऑडियंस जुड़ी रहेगी और आपकी सामग्री को साझा करने में रुचि लेगी।
सोशल मीडिया प्रबंधन में निरंतरता और योजना बनाना महत्वपूर्ण है। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी उपस्थिति बनाए रखें और सक्रिय रहें। सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए एक कंटेंट कैलेंडर बनाएं और नियमित रूप से पोस्ट करने की आदत डालें। यह आपकी ऑडियंस को आपकी सक्रियता का संकेत देगा और आपकी विश्वसनीयता को बढ़ाएगा।
ऑडियंस एंगेजमेंट के लिए आपको अपनी फॉलोवर्स के साथ संवाद स्थापित करना होगा। उनकी टिप्पणियों और संदेशों का उत्तर दें और उनकी प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखें। यह न केवल आपके फॉलोवर्स के साथ आपके संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि आपकी सामग्री को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा।
इसके अतिरिक्त, सहयोग और नेटवर्किंग पर ध्यान दें। अन्य इन्फ्लुएंसर्स के साथ सहयोग करें, ताकि आप अपनी ऑडियंस को बढ़ा सकें और नए दर्शकों तक पहुंच सकें। यह आपके ब्रांड को मजबूत करेगा और आपकी पहुंच को व्यापक बनाएगा।
अंततः, इन्फ्लुएंसर बनने की प्रक्रिया में धैर्य और दृढ़ता की आवश्यकता है। सफलता रातोंरात नहीं मिलती, लेकिन निरंतर प्रयास और सही रणनीतियों के साथ, आप एक सफल इन्फ्लुएंसर बन सकते हैं।
भविष्य की दिशा
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संस्कृति आने वाले समय में और भी अधिक विकसित और विस्तृत होती दिख रही है। नई तकनीकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उभरने के साथ, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में भी नए ट्रेंड्स और संभावनाएं देखने को मिलेंगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी तकनीकों का उपयोग इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग को और भी अधिक प्रभावी और लक्षित बनाने में सहायक होगा।
आने वाले समय में, वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी (VR और AR) का उपयोग इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इन तकनीकों के माध्यम से, इन्फ्लुएंसर अपने फॉलोअर्स के साथ अधिक इंटरैक्टिव और इमर्सिव अनुभव प्रदान कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर, VR के माध्यम से इन्फ्लुएंसर प्रोडक्ट्स का वर्चुअल डेमो दे सकते हैं, जिससे फॉलोअर्स को उत्पाद का अधिक वास्तविक अनुभव मिल सकेगा।
इसके अलावा, जेनरेशन Z और अल्फा की बढ़ती डिजिटल उपस्थिति के साथ, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की दिशा और भी बदल सकती है। ये पीढ़ियां तकनीक के साथ बड़ी हुई हैं और उन्हें नए ट्रेंड्स और तकनीकों को अपनाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती। इस कारण, इन्फ्लुएंसर्स को भी अपने कंटेंट और मार्केटिंग रणनीतियों को इन नई पीढ़ियों के अनुसार ढालना होगा।
सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक जिम्मेदारी भी भविष्य के इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के महत्वपूर्ण पहलू बन सकते हैं। फॉलोअर्स अब ब्रांड्स और इन्फ्लुएंसर्स से अधिक पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी की अपेक्षा करते हैं। इस बदलते परिवेश में, इन्फ्लुएंसर्स को अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग सकारात्मक सामाजिक बदलाव के लिए करना होगा।
कुल मिलाकर, भविष्य में इन्फ्लुएंसर संस्कृति और भी अधिक उन्नति करेगी और यह समाज पर अपना महत्वपूर्ण प्रभाव डालना जारी रखेगी। नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग का भविष्य अत्यधिक संभावनाओं से भरा है।
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