“भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के मुताबिक “जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा। कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा। या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा। इस आशय से कि उस स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए। या ऐसा अंगविक्षेप या वस्तु देखी जाए। अथवा उस स्त्री की एकान्तता का अतिक्रमण करेगा। तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। या आर्थिक दंड। या दोनों से दण्डित किया जायेगा…”
राजनामा.कॉम डेस्क। महिला पत्रकार को व्हाट्सएप्प पर आपत्तिजनक मैसेज और फोटो भेजना एक आईएएस अधिकारी को भारी पड़ गया है। अनुचित मैसेज भेजने को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2007 बैच के अधिकारी के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
इस घटना की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की गई है। सीएम ने जांच का आदेश दे दिया है।
मामला केरल से जुड़ा है। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी एन प्रसांथ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। केरल पुलिस ने मंगलवार को आईएएस अधिकारी एन प्रसांथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच तेज कर दी है।
दरअसल, यह घटना फ़रवरी में हुई थी। जिसके कारण इस मामले में कानूनी सलाह लेने के बाद कल मंगलवार को मामला दर्ज किया गया है।
आईएएस अधिकारी एन प्रसांथ के ऊपर एक महिला पत्रकार ने गंभीर आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी एन प्रसांथ ने महिला पत्रकार के व्हाट्सएप्प पर आपत्तिजनक तस्वीर और कंटेंट वाला एक स्टीकर भेजा, जिसे लेकर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई। केरल पुलिस के मुताबिक आईपीसी की धारा 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब हो की 2007 बैच के आईएएस अधिकारी एन प्रसांथ केरल राज्य अंतर्देशीय नेविगेशन निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात हैं। इससे पहले एन प्रसांथ इस साल की शुरुआत में ही एक राजनीतिक विवाद में भी फंस गए थे, जब इन्होंने निगम ने गहरे समुद्र में एक अमेरिकी फर्म के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था।
इसी मामले को लेकर जब स्थानीय भाषा की एक महिला पत्रकार ने एन प्रसांथ को व्हाट्सएप्प पर मैसेज कर अपना परिचय देते हुए जवाब मांगा।
उन्होंने पूछा कि क्या इस न्यूज़ के बारे में बात करने के लिए आपसे समय मिल सकता है। इसपर आईएएस अधिकारी ने महिला पत्रकार को एक महिला का स्टीकर भेजकर रिप्लाई दिया, जिसपर महिला पत्रकार ने आपत्ति जताई।
फ़रवरी महीने में हुई इस घटना को लेकर केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने मई में में कथित दुर्व्यवहार के संबंध में जांच का आदेश दिया था।
Comments are closed.