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    Thursday, December 5, 2024
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      चाय की चुस्की के साथ अखबार पढ़ने का युग खत्म, पत्रकारिता की साख बचाना बड़ी चुनौती : हरिवंश

      “आजादी की लड़ाई के समय से समृद्ध पत्रकारिता देखने को मिली है। विभिन्न आयाम तय किए हैं। पत्रकारिता का रास्ता कभी आसान नहीं था और न आज है। आप के अंदर क्रिएटिविटी और बदलते दौर के साथ कुछ नया करने की क्षमता है, तब ही आप इस फील्ड में टिक सकते हैं…

      राजनामा डॉट कॉम। उक्त बातें राज्यसभा के उप सभापति और वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश ने आइआइटी आइएसएम के गोल्डन जुबली लेक्चर थियेटर में धनबाद प्रेस क्लब और BBMKU के पत्रकारिता विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आजादी का अमृत वर्ष एवं पत्रकारिता का अतीत, वर्तमान एवं भविष्य विषय पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।

      The era of reading newspapers with a sip of tea is over saving the credibility of journalism is a big challenge Harivansh 1उपसभापति हरिवंश ने आगे कहा कि आज के समय में पत्रकारिता की साख को कायम रखना बड़ी चुनौती है। आज डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया प्रमाणिकता पत्रकारिता के लिए कठिन रास्ते बना रही है। इतने सारे माध्यम आ गए हैं कि बड़ी तेजी से सूचनाएं हमारे स्मार्ट फोन पर फ्री में पहुंच जा रही है। ऐसे में पैसे लगाकर अख़बार कौन पढ़ना चाहेगा।

      सुबह चाय के साथ अख़बार पढ़ने का जमाना भी नहीं रहा, ऐसे भी नई पीढ़ी सुबह उठती नहीं है। इन सब के बीच आज सत्यता का भी सवाल उठने लगा है।

      हर दिन कई खबरें झूठी या अपने फायदे या समाज में विध्वंश फ़ैलाने वाली साबित हो रही है। प्रिंट मीडिया भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में साख बचाना सबसे बड़ी चुनौती है।

      लेकिन, नए आइडियाज और ईमानदारी-सत्यता के बल पर हम पत्रकारिता को नए मुकाम पर पहुंचा सकते हैं। इस डिजिटल तकनीक के बीच आपको आपसी परामर्श के लिए समय निकालना पड़ेगा। जो दौर हम छोड़ चुके हैं, उसमें वापस लौटना होगा। ठहरकर-रुककर संवाद करना पड़ेगा। आपसी विमर्श करना होगा, तभी नई चीजें निकलकर आएंगी।

      उन्होंने कहा कि पहले हम काशी, प्रयाग, मथुरा में विचार तलाशते थे और आज उसका नया ठिकाना सिलिकन वैली यानी तकनीक है। युवा नई चीजों को सीखेंगे समझेंगे और सामने लाएंगे तभी पत्रकारिता जीवित रहेगी।

      प्रयास हो कि पत्रकारिता में नए मुद्दे सामने लाया जाएं, लोगों को बताया जाए कि क्या भविष्य है, इसका आपके वर्तमान और भविष्य पर क्या असर पड़ेगा, नई-नई चीजें बनाने का प्रयास हो।

      उपसभापति ने कहा कि आज विकसित टेक्नोलॉजी के कारण हर काम इतना फ़ास्ट होने लगा है कि लोग अब ज्यादा देर तक किसी की सुनना नहीं  पसंद करटे। ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट’ के आने से दिमाग की सोचने की क्षमता घट रही है। 10-20 साल यही हाल रहा तो दिमाग सोचना ही छोड़ देगा।

      वसुधैव कुटुम्बकम का नारा आज पूरी दुनिया में लागू हो रहा है। आप अपने देश को कितना भी विकसित क्यों न कर लें, लेकिन दुनिया में कहीं भी अशांति है, तो आप चैन से नहीं जी सकते।

      ऐसे बहुत से विषय हैं, जिन्हें पूरी सत्यता के साथ लोगों के सामने लाया जाए  तो हम अपनी साख बचा सकते हैं और लोग उसे पढ़ना भी पसंद करेंगे।

      उन्होंने कहा कि अब राजा का बेटा या अमीर का बेटा भी बड़ा आदमी नहीं बन सकता। अब काम पैरवी पर नहीं, हुनर पर मिल रहा है। आपके हुनर की कद्र नहीं है तो आप खुद स्टार्ट अप से जुड़कर बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं। महात्मा गांधी गांधी भी कहते थे कि सफलता पवित्र रास्तों पर चल कर ही हासिल की जा सकती है।

      उपसभापति ने ट्विटर और एलन मस्क का भी उदाहरण दिया। हाल ही में एलन मस्क ने ट्विटर के लिए सबसे अधिक बोली लगाया है।

      उन्होंने कहा कि पश्चिम के कई क्रिएटिव लोग इस पर काम कर रहे हैं, नई-नई किताब लिख रहे हैं। उससे भी हमें सीखने की जरूरत है, खासकर उस युवा पीढ़ी को जो पत्रकारिता में अपना भविष्य देख रहे हैं।

      इस कार्यक्रम की शुरुआत द रिदम की शुभि बावेजा ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद मुख्य अतिथि उपसभापति हरिवंश, सांसद पीएन सिंह, आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो राजीव शेखर, डीन डॉ। रजनी सिंह, मंतोष पांडे ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

      इससे पहले आइआइटी के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने कहा कि आज का युवा सुबह चास की चुस्की के साथ अखबार नहीं पढ़ता, क्योंकि इतनी सुबह उठता ही नहीं।

      मीडिया को अपने साथ यूथ हो जोड़ना होगा। केस स्टडी के जरिए चीजों को समझाना होगा। महत्वपूर्ण न्यूज बहुत सरल तरीके से लोगों तक पहुंचाने का प्रयास होना चाहिए।

      सांसद पीएन सिंह ने कहा हरिवंश पीएम के चहेते हैं, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के भी चहते थे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के भी चहेते हैं। पत्रकारिता से राज्य सभा सदस्य तक का सफर तय किया।

      पत्रकारिता में व्यक्तिगत विचारधारा को समाज पर थोपने का प्रयास न हो, सत्य दिखाया जाना चाहिए। इस अवसर पर पत्रकारिता के छात्रों ने उपसभापति से कई प्रश्नों के जरिए संवाद भी किया।

      इस कार्यक्रम में सांसद पीएन सिंह, आईएसएम के निदेशक राजीव शेखर, बीबीएमकेयू के पत्रकारिता विभाग के एचओडी मंतोष पांडेय, आईएसएम की प्रो रजनी सिंह ने भी पत्रकारिता की नई चुनौतियों से अवगत कराया।

      कार्यक्रम में विधायक राज सिन्हा, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार विजय पाठक सहित प्रेस क्लब के सदस्य और बीबीएमकेयू के पत्रकारिता विभाग के छात्र- छात्राएं उपस्थित थी।

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