
जमशेदपुर, 21 अक्टूबर 2025 (राजनामा.कॉम विशेष)। राजनीति के मैदान में नैतिकता का दावा करने वाली भाजपा को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा है। सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जो न सिर्फ एक स्थानीय नेता की पोल खोल रहा है, बल्कि तथाकथित पत्रकारिता के चेहरे पर भी कालिख पोत रहा है।
वीडियो में भाजपा नेता गोविंदा पति और सेल्फ-स्टाइल्ड पत्रकार शहजादा खान को शराब के नशे में धुत होकर जुआ खेलते हुए आसामाजिक तत्वों के साथ मजे लेते देखा जा सकता है। यह वीडियो इतना बेबाक है कि देखने वाले की आंखें फटी की फटी रह जाएं। क्या ये वही लोग हैं जो समाज को सुधारने का दावा करते हैं?
वीडियो की शुरुआत ही धमाकेदार है। गोविंदा पति ग्रामीण इलाकों में भाजपा की ‘सेवा’ का चेहरा बनने का दावा करते हैं, उसे एक अंधेरी जगह पर शराब की बोतल थामे हुए देखा जा सकता है। उनके बगल में बैठा शहजादा खान, जो खुद को ‘मीडिया का सिपाही’ बताता है, वह ताश के पत्तों के साथ जुआ की बाजी लगाता नजर आ रहा है।
आसपास कुछ संदिग्ध चेहरे, जो कथित तौर पर स्थानीय गुंडा तत्व हैं। वे हंसते-मुस्कुराते इस ‘पार्टी’ का मजा ले रहे हैं। वीडियो की लंबाई महज दो मिनट है, लेकिन इसमें इतना ‘मसाला’ भरा है कि सोशल मीडिया पर इसे खूब शेयर किया जा चुका है। उनपर #GovindaPatiJua और #ShahzadaExposed जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं और लोग खुलकर सवाल उठा रहे हैं- “ये नेता पत्रकार हैं या शराबी जुआरी?”
दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना क्षेत्र के रानी डीह इलाके का है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार गोविंदा पति यहां राजनीति के चोले ओढ़े हुए अवैध कारोबारों का ‘राजा’ बने हुए हैं। हब्बा-डब्बा (अवैध शराब की दुकानें), जुआघर और अन्य काले धंधों का संचालन करने का आरोप उन पर सालों से लगता रहा है। लेकिन अब यह वीडियो सबूत की तरह सामने आ गया है।
एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर राजनामा.कॉम को बताया कि गोविंदा पति दिन में गांवों में भाषण देते हैं कि ‘नशा छोड़ो, देश बनाओ’, लेकिन रात में खुद शराब और जुआ की महफिल सजाते हैं। शहजादा खान जैसे पक्षकार उनका ‘लाइजनर’ है। पुलिस से लेकर प्रशासन तक सेटिंग कराने का ठेकेदार।”
और बात अगर शहजादा खान की करें तो यह ‘पत्रकार’ की परिभाषा को ही चुनौती दे रहा है। खान स्थानीय चैनलों पर ‘ब्रेकिंग न्यूज’ का ढोंग रचता है। वास्तव में अवैध कारोबारों की ढाल बना हुआ हैं। सूत्र बताते हैं कि परसुडीह थाना क्षेत्र में एक शौचालय के पास गोविंदा पति का हब्बा-डब्बा फल-फूल रहा है।
यहां शराब की होम डिलीवरी से लेकर जुआ की सट्टेबाजी तक सब चलता है। और इस सबकी ‘सुरक्षा’ सुनिश्चित करने में शहजादा खान की भूमिका अहम है। कथित तौर पर उन्होंने पुलिस के साथ ‘मोटी डील’ फाइनल की है, जिसके बदले में यह कारोबार बिना किसी रुकावट के चल रहा है। ये लोग पत्रकारिता का लबादा ओढ़कर अपराध को बढ़ावा देते हैं। शहजादा जैसे लोग असली पत्रकारों के लिए कलंक हैं।
सवाल यह है कि इस वायरल वीडियो के बाद क्या होगा? भाजपा का टॉप प्रबंधन, जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा लगाता है, गोविंदा पति पर कार्रवाई करेगा या उन्हें बचाने की कोशिश करेगा?
वहीं पत्रकार संगठनों की चुप्पी सवालों के घेरे में है। क्या प्रेस क्लब या अन्य संगठन शहजादा खान को ‘पत्रकार’ की श्रेणी से बाहर करेगा या यह ‘मीडिया माफिया’ का एक और अध्याय बन जाएगा?
बहरहाल, यह मामला न सिर्फ जमशेदपुर तक सीमित है, बल्कि झारखंड की राजनीति और मीडिया की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। ग्रामीण इलाकों में अवैध कारोबारों का जाल इतना फैला है कि आम आदमी डर के मारे चुप है। लेकिन अब वायरल वीडियो ने आग लगा दी है।





