
राजनामा.कॉम। झारखंड सरकार सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया एवं न्यू मीडिया के लिए पॉलिसी बना रही है। बिहार व पंजाब राज्य के बाद तीसरा राज्य झारखंड होगा जो यह पॉलिसी बना रहा है। यह काफी हद तक बिहार व पंजाब की पॉलिसी का समावेश होगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा यह पॉलिसी तैयार की जा रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है।
सूत्रों ने बताया कि पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य डिजिटल माध्यमों से जनजागरूकता बढ़ाना तथा सरकारी विज्ञापनों का नियंत्रित और पारदर्शी वितरण करना है। नियमावली में फेसबुक, इंस्टाग्राम यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तथा वेबसाइट्स, न्यूज पोर्टल्स और मोबाइल ऐप्स को शामिल किया गया है। साथ ही इंफ्लूयेंसर को भी रखा गया है।
राष्ट्रविरोधी, अश्लील, साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाली या भ्रामक सामग्री प्रकाशित करने पर सूचीबद्धता रद्द करने तथा ब्लैकलिस्टिंग का प्रावधान किया जा रहा है।
न्यू मीडिया को आइपीआरडी में सूचीबद्ध करने के लिए कड़े मानदंड निर्धारित किये जा रहे हैं। जिसमें सोशल मीडिया हैंडल या चैनल को कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए। फॉलोअर्स / सब्सक्राइबर्स की न्यूनतम संख्या तथा पिछले छह महीनों में मूल कंटेंट पोस्ट करने की अनिवार्यता लागू की गयी है।
उदाहरण के लिए यूट्यूब चैनल के लिए श्रेणी-ए में 10 लाख सब्सक्राइबर्स तथा प्रति माह कम से कम 12 मूल वीडियो आवश्यक हैं। वहीं एक्स के लिए श्रेणी-ए में पांच लाख फॉलोअर्स और प्रति माह 15 वीडियो या 30 पोस्ट अनिवार्य रखा गया है।
वेब मीडिया के लिए पिछले छह महीनों के औसत मासिक यूनीक यूजर्स की प्रमाणित रिपोर्ट अनिवार्य है। यूनीक यूजर्स की जांच गूगल एनालिटिक्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय टूल्स से की जायेगी। केवल भारतीय संचालित या भारत में पंजीकृत कार्यालय वाली विदेशी कंपनियों की वेबसाइट्स ही पात्र होंगी।
आइपीडीआरडी में कोई पॉलिसी नहीं होने की वजह से अभी आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से कुछ सोशल मीडिया, वेब मीडिया को विज्ञापन दिये जा रहे हैं। जब पॉलिसी बन जायेगी और सरकार से मंजूरी मिल जायेगी तो उन्हें आइपीडीआरडी के माध्यम से सीधे विज्ञापन मिल सकता है। हालांकि कई कड़ी शर्तें भी रखी जा रही हैं।







