अन्य
    Saturday, December 21, 2024
    अन्य

      राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा आज रिपोर्टर की पिटाई का मामला

      राजनामा.कॉम। झारखंड के सरायकेला जिले के तिरुलडीह के दैनिक अखबार “आज” के पत्रकार विद्युत महतो की पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक पिटाई और फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने के मामले पर नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन यानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है।

      कोडरमा के मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आयोग में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। जिसका केस संख्या 1486/IN/2022 है।

      आयोग को दर्ज कराए गए शिकायत के आधार पर श्री विश्वकर्मा ने पीड़ित पत्रकार को इंसाफ दिलाते हुए उसे उचित मुआवजा दिलाने की भी मांग की है।

      विदित रहे कि मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा इससे पूर्व भी कई ऐसे मामलों में आयोग का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पीड़ित को इंसाफ दिला चुके हैं। वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि मामले पर जिला पुलिस और प्रशासन कितनी गंभीरता दिखाती है।

      इससे पूर्व रांची सांसद संजय सेठ और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने भी मामले पर ट्वीट के जरिये आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग उठा चुके हैं।

      दरअसल, सरायकेला-खरसावां जिला के तिरूलडीह थाना क्षेत्र से अवैध बालू के उठाव की खबर बनाने पहुंचे दैनिक अखबार “आज” के स्थानीय रिपोर्टर विद्युत महतो, की उस वक्त थाने में तैनात संतरियों ने बेरहमी से पिटाई कर डाली, जब ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए बालू के ट्रैक्टर को पत्रकार थाना ले जाने की बात कहने लगा, जिस पर थानेदार राकेश मुंडा आक्रोशित हो उठे और अपने साथियों से पत्रकार को ही पिटवा डाली। पत्रकार चीखता रहा कि “मैं आज का पत्रकार हूं… “मैं आज का पत्रकार हूं… मगर अपने आका के आदेशों और पोल खुलने से आक्रोशित संतरियों ने आधी रात को बीच सड़क पर थाना गेट के बाहर पत्रकार को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और उसकी मोबाइल तोड़ डाली, ताकि सारे सबूत नष्ट हो जाए। पत्रकार गिड़गिड़ाता रहा मगर थाना कर्मियों ने उसकी एक न सुनी।

      थाना कर्मियों का हैवानियत यहीं समाप्त नहीं हुआ, आधी रात को पत्रकार की पिटाई के बाद थानाकर्मी उसे अधमरा छोड़ बीच सड़क पर वापस थाने के भीतर चले गए। वो तो भला हो स्थानीय ग्रामीणों का, जिन्होंने पत्रकार को आधी रात को ईचागढ़ अस्पताल पहुंचाया। जहां पत्रकार की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार सुबह उसे बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल रेफर किया गया। आज भी पत्रकार एमजीएम अस्पताल में ईलाजरत है।

      इधर मामला बिगड़ता देख थानेदार ने कायराना हरकत कर डाली, और पत्रकार सहित 7 ग्रामीणों पर आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 363 जैसे धाराएं लगाकर उसे अपराधी करार दे दिया।

      वहीं उक्त घटना के बाद पत्रकार संगठन द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला खरसावां और एआईएसएम ने कड़ी आपत्ति जताई है। दोनों संगठनों ने तिरूल्डीह थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने की मांग उठाई है। वहीं जिले के पत्रकार भी पुलिस की इस कार्यवाई से आक्रोशित हो उठे हैं, जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।

      नालंदाः बदमाशों ने रिपोर्टर को गोली मारी, सरायकेलाः पुलिस ने रिपोर्टर को जमकर पीटा

      नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

      झारखंड राज्य पत्रकार स्वास्थ्य बीमा नियमावली-2021 प्रस्ताव मंजूर, जाने क्या है योजना? किसे मिलेगा लाभ?

      सोशल मीडिया पर मधुबनी एडीजे भी हुए ट्रोल, जबाव तो देना होगा? मामला पुलिस पिटाई का

      जानें: भारत में हर साल क्यों मनाया जाता है राष्‍ट्रीय प्रेस दिवस ?

      दिवंगत पत्रकार के परिजनों को मिला प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला-खरसावां का संबल

      राजनामा.कॉम। सरायकेला-खरसावां जिले के एकमात्र मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठन...

      यूट्यूब वीडियो डाउनलोड करने से पहले जान लें मोबाइल-लैपटॉप हैक होने का खतरा

      राजनामा.कॉम। आज-कल बेहद लोकप्रिय वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर जानकारी...

      Russia-Google dispute: कितना उचित है युद्ध मशीन की फंडिंग के लिए पुतिन द्वारा गूगल से 100 मिलियन डॉलर जब्त करना

      राजनामा.कॉम। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा गूगल से...

      Influencer Culture: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदय और उनका समाज पर प्रभाव

      राजनामा.कॉम डेस्क। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संस्कृति (Influencer Culture) का...

      न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह और उसकी पहचान कैसे की जाए

      राजनामा.कॉम डेस्क। न्यूज़ कवरेज में पूर्वाग्रह का अर्थ है...

      फेक न्यूज की पहचान कैसे करें और उसके प्रभाव को कैसे रोका जाए

      राजनामा.कॉम डेस्क। फेक न्यूज एक प्रकार की झूठी या...

      Social Media for the Youth : युवा वर्ग के लिए कितना खतरनाक और फायदामंद है सोशल मीडिया

      राजनामा.कॉम। सोशल मीडिया (Social Media) का उद्भव 21वीं सदी...

      News papers in India : भारत में समाचार पत्रों की घटती विश्वसनीयता की जानें मूल वजहें

      राजनामा.कॉम। भारत में समाचार पत्रों की घटती विश्वसनीयता एक...

      News Channels : टीआरपी के चक्कर में कितना घनचक्कर बना रही है न्यूज चैनलें

      राजनामा.कॉम। टीआरपी यानि टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स। आज के समय...

      Meaning of Godi Media in India : भारत में गोदी मीडिया के मायने, समझें हकीकत

      राजनामा.कॉम। गोदी मीडिया शब्द का उपयोग भारतीय मीडिया के...

      1 COMMENT

      Comments are closed.

      error: Content is protected !!