Home सोशल ट्विटर पर कसा शिकंजा, चीफ कंप्लायंस ऑफिसर नियुक्त, साझा करेगी सूचना

ट्विटर पर कसा शिकंजा, चीफ कंप्लायंस ऑफिसर नियुक्त, साझा करेगी सूचना

0

इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। भारत सरकार के नए आईटी नियमों को देखते हुए ट्विटर ने अब अंतरिम चीफ कंप्लायंस ऑफिसर नियुक्त कर लिया है। इसके अलावा ट्विटर ने कहा कि वो जल्द ही अपने अधिकारी की पूरी जानकारी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा करेगा

अंतरिम चीफ कंप्लायंस ऑफिसर के नियुक्ति पर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म नए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और यह आईटी मंत्रालय को पूरे प्रोसेस की जानकारी से अवगत करा रहा है।

जानें क्या है पूरा मामला? जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने 5 जून 2021 को नए आईटी नियमों के पालन के लिए ट्विटर को फाइनल नोटिस भेजा था। इस नोटिस में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर कंपनी को इसके परिणाम भुगतने पड़ेगे।

सरकार ने कहा था कि ट्विटर को तुरंत नियमों का पालन करने के लिए एक आखिरी नोटिस दिया जा रहा है, अगर ऐसा करने में ट्विटर नाकाम रहता है, तो आइटी एक्ट की धारा 79 के तहत कंपनी को जिम्मेदार ठहराए जाने से अब तक जो छूट मिली हुई हैं, वे खत्म कर दी जाएंगी और आइटी अधिनियम समेत दूसरे दंडात्मक भारतीय कानूनों के तहत कंपनी जिम्मेदार होगी।

ट्विटर ने कहाः  सरकार के इस नोटिस पर ट्विटर ने 9 जून 2021 को कहा था कि ट्विटर भारत के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहा है और कंपनी ने भारत सरकार को आश्वासन दिया है कि वो नए नियमों का पालन करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।

इससे पहले ट्विटर प्रवक्ता ने कहा था, “हमने भारत सरकार को आश्वासन दिया है कि ट्विटर नए दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। अभी तक की प्रोग्रेस पर एक ओवरव्यू शेयर किया गया है। हम भारत सरकार के साथ अपनी रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे।”

इसके अलावा भारत में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को मिला कानूनी संरक्षण अब खत्म हो गया है। ट्विटर को ये कानूनी संरक्षण आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिला हुआ था।

ये धारा ट्विटर को किसी भी कानूनी कारवाई, मानहानि या जुर्माने से छूट देता था। इसके तहत ट्विटर पर किसी यूजर की ओर से कोई गैरकानूनी या भड़काऊ पोस्ट करने के संबंध में भारत में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से अब पुलिस पूछताछ कर सकेगी।

error: Content is protected !!
Exit mobile version