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5वीं वर्ग के छात्र-बच्चों को मुफ्त कंडोम बांट रही है सरकार, स्कूल बैग के साथ घर भी ले जाएंगे

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जिस उम्र में बच्चों को शरीर की ठीक से समझ भी नहीं होती, उस उम्र में अमेरिका के शिकागो में बच्चों के हाथ में कंडोम थमाया जाना है। शिकागो की नई पॉलिसी के मुताबिक यहां प्राइमरी स्कूलों में 5वीं कक्षा के छात्रों को भी कंडोम दिया जाएगा। 10 साल से ही कंडोम देने की इस शुरुआत पर माता-पिता बौखला गए हैं.

इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। यूं तो अमेरिकी सरकार की यह पॉलिसी शिकागो में साल 2020 के दिसंबर महीने से ही लागू होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते स्कूलों के खोले जाने तक इसे टाल दिया गया। अब स्कूल खुलने के बाद एलिमेंट्री स्कूलों में 250 कंडोम, जबकि हाई स्कूलों में 1000 कंडोम सप्लाई किए जाएंगे।

बच्चों को जब भी ज़रूरत होगी वे इसे ले सकेंगे। ये कंडोम बच्चों को बिल्कुल मुफ्त दिए जाएंगे। पॉलिसी को सुनकर पेरेंट्स के कानों से धुआं निकल रहा है जबकि सोशल मीडिया पर लोग भड़के हुए हैं।

ये पॉलिसी शिकागो पब्लिक स्कूल बोर्ड ऑफ एजुकेशन ने बनाई है। इस पॉलिसी के तहत स्कूलों को 10 साल और इससे ऊपर के बच्चों के लिए कंडोम का इंतजाम करना होगा।

सीधी भाषा में कहें तो 5वीं में पढ़ने वाले बच्चे के हाथ में भी आसानी से कंडोम आ सकेगा। इसका इंतज़ाम शिकागो का स्वास्थ्य विभाग करेगा। कंडोम की व्यवस्था सुनिश्चित करना ज़रूरी होगा।

शिकागो पब्लिक स्कूल सिस्टम के अंतर्गत कुछ 600 सरकारी स्कूल आते हैं और इन सभी में ये नई पॉलिसी लागू होगी। स्कूलों और पेरेंट्स के बीच पहले भी ये चिंता का विषय रहा है कि कंडोम किसी निजी जगह रखे जाएं, जहां से ज़रूरत पड़ने पर छात्र इन्हें ले सकें, लेकिन 5वीं कक्षा के बच्चों तक इसे पहुंचाना वाकई अजीब है।

कंडोम की उपलब्धता के पीछे दलील दी जा रही है कि इससे बच्चों को यौन संक्रमण, एचआईवी इन्फेक्शन और अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने में मदद मिलेगी।

Chicago Women’s Health Center में काम कर रहे Scout Bratt ने नई पॉलिसी का बचाव करते हुए कहा कि कंडोम उपलब्ध होने का ये मतलब नहीं है कि हर छात्र इसका इस्तेमाल ही करने जा रहा है या उसे इस्तेमाल के लिए कहा जा रहा है।

ये सिर्फ इसलिए है ताकि बच्चों का नुकसान न हो और उन्होंने सेक्सुअली ट्रांसमिट होने वाले रोग न हों। ये सुरक्षा और सफाई के लिए है।

फिलहाल कोरोना के चलते शिकागो के स्कूल बंद हैं। इन्हें अगले ही महीने खोला जाना है। स्कूल खुलते ही ये पॉलिसी लागू हो जाएगी। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़का हुआ है।

पेरेंट्स और तमाम लोग इसे शर्मनाक और शिकागो सरकार की बीमार मानसिकता करार दे रहे हैं। हालांकि शिकागो पब्लिक स्कूल इस बात पर टिका हुआ है और उसका कहना है कि इससे छात्रों के बीच ‘HIV Infection’ और अनचाहे गर्भ की समस्या कम होगी।

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