Home जर्नलिज्म हँसी के पात्र बनते राँची के अखबार

हँसी के पात्र बनते राँची के अखबार

0
झारखंड की राजधानी राँची से प्रकाशित प्रायः प्रमुख समाचार पत्र आजकल किस होड़ में शामिल है. कुछ समझ में नहीं आता है. कुछ दिन पहले दैनिक प्रभात खबर में एक खबर पढ़कर मेरे दस वर्षीय बेटा ने सबाल किया कि पापा आप यह तो बताईये कि अजगर साँप अंडे देती है या बच्च? मैं चौंक पड़ा.
बाद में जब उसने अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित खबर मुझे पढ़ाई तो सारा माजरा समझ में आया.
खबर में जिक्र था कि ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक पार्क में एक अजगर साँप ने कुल ४६ बच्चे जन्म दिए जिसमे ४ मर गए और कुल ४२ बच्चे जीवित हैं.
इस तरह की त्रुटियाँ दैनिक राँची एक्सप्रेस,जागरण,सन्मार्ग,आज जिसे मैं नियमित पढ़ता हूँ,आम तौर पर देखने को मिलती है.
ताजा उदाहरण दैनिक हिन्दुस्तान के मुख्यपृष्ठ पर दूसरे नम्बर की प्रकाशित खबर को देखिये संवाददाता ने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि दहेजलोभियों ने गजाला को मार डाला लेकिन शीर्षक में प्रश्नचिन्ह लगाया हुआ है. समाचार लेखन और संपादन का ये अंतर किसी भी पाठक के समझ से परे है.
पत्रकारिता के लिए जरूरी है सृजनात्मक, निष्पक्ष और साहसी होना : प्रो. राव
डिजिटल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए सरकार जल्द लाएगी कानून : अनुराग ठाकुर
झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक राजीव लोचन बक्शी के खिलाफ मुकदमा
एलन मस्क ने बताया, ट्विटर में क्यों हो रही ताबड़तोड़ छंटनी
दुनिया के कई बड़ी कंपनियों ने ट्विटर पर विज्ञापन नहीं देने का लिया फैसला, जानें बड़ी वजह

error: Content is protected !!
Exit mobile version