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खुद को सीएम बताकर विज्ञापन हासिल करने वाला अखबार मालिक 5 साल बाद गिरफ्तार

इस मामले में एफआईआर वर्ष 2016 में दर्ज की गई थी, जिस पर अब कार्रवाई हुई है...

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राज़नामा.कॉम। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से फर्जी ईमेल-आईडी बनाने और उनके फर्जी हस्ताक्षर कर अपने ही समाचार पत्र के लिए विज्ञापन हासिल करने के आरोप में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली  किए गए व्यक्ति की पहचान मनोज कुमार सेठ के रूप में की गई है, जो ओडिशा के भुवनेश्वर में एक पत्रकार के तौर पर कार्यरत है। 41 वर्षीय इस आरोपी पत्रकार को उसके मूल शहर भुवनेश्वर से ही गिरफ्तार किया गया है।

योगी आदित्यनाथ के निजी सचिव राजभूषण सिंह रावत ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने भाजपा नेता के नाम पर एक फर्जी ई-मेल आईडी yogiadityanath.mp@gmail.com बनाई थी।

रावत के अनुसार आरोपी ने पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, ओएनजीसी और गेल इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ई-मेल और जाली पत्र भेजकर इनसे अपने स्थानीय समाचार पत्र के लिए विज्ञापन की मांग रहा था। सभी पत्रों पर योगी आदित्यनाथ के जाली हस्ताक्षर थे।

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) ने कहा कि जांच के दौरान फर्जी ई-मेल आईडी का पता चला तो इसके पीछे की मंशा को समझने के लिए इसकी सामग्री का विश्लेषण किया गया। मल्होत्रा ने बताया कि कथित ई-मेल में एक अंग्रेजी अखबार के पक्ष में विज्ञापन जारी करने का अनुरोध था।

उन्होंने कहा कि इसी तरह के फर्जी ई-मेल और फर्जी पत्र ओएनजीसी और गेल को दूसरे अखबार के पक्ष में विज्ञापन देने के लिए भेजे गए थे।

मल्होत्रा ने बताया कि आईपी पते के विश्लेषण और खुफिया जानकारी के माध्यम से आरोपी की पहचान मनोज कुमार सेठ के रूप में हुई।

पुलिस ने कहा कि सेठ की योजना सफल नहीं हुई, लेकिन वह जांचकर्ताओं से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। हालांकि, उसके संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे गए, लेकिन वह हर बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा।

पुलिस ने कहा कि इसके बाद उसे पकड़ने के लिए एसीपी रमन के नेतृत्व में एक समर्पित टीम गठित की गई थी, जिसने उसे पकड़ लिया।

अधिकारी ने बताया आरोपी भुवनेश्वर में एक साप्ताहिक स्थानीय समाचार पत्र का मालिक है और उसके खिलाफ ओडिशा के कटक में एक अधिकारी से कथित तौर पर जबरन वसूली करने का एक पुराना मामला भी दर्ज है।

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