‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ अपना नाम बदलने की तैयारी में है। जल्द इसे ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन‘ के नाम से जाना जाएगा। इस बारे में कवायद चल रही है…
राज़नामा.कॉम डेस्क। टेलिविजन ब्रॉडकास्टर्स के प्रतिनिधित्व वाले प्रमुख संगठन ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विक्रमजीत सेन को नवगठित ‘डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल’ का चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है।
इसके साथ ही नवगठित ’डीएमसीआरसी’ में छह अन्य मेंबर्स को शामिल किया गया है। ये मेंबर्स मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की जानी-मानी शख्सियत हैं, जिन्हें प्रोग्रामिंग और कंटेंट क्रिएशन का काफी अनुभव है।
इस काउंसिल में जिन मेंबर्स को शामिल किया गया है, उनमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्ममेकर निखिल आडवाणी, सीईओ और फाउंडर दीपक धर, जानी-मानी कलाकार, फिल्ममेकर और लेखक अश्विनी अय्यर तिवारी और क्रिएटिव राइटर व डायरेकर तिग्मांशु धूलिया के साथ ‘सोनी पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड‘ के जनरल काउंसिल अशोक नांबिसान और ‘स्टार-डिज्नी इंडिया‘ के चीफ रीजनल काउंसिल मिहिर राले शामिल हैं।
इन नियुक्तियों के बारे में ’आईबीएफ ’ के प्रेजिडेंट के. माधवन का कहना है, ’ मुझे खुशी है कि प्रस्तावित स्व-नियामक निकाय का हिस्सा बनने के लिए आईबीडीएफ के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के इतने सारे विशेषज्ञ आगे आए हैं।
यह सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ-साथ, मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, नीति निर्माताओं और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के सबस्क्राइबर्स के लिए ऐतिहासिक और खुशी का पल है।’
बताया जाता है कि एसोसिएशन ने अपना दायरा बढ़ाते हुए सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को एक छत के नीचे लाने के तहत यह निर्णय लिया है। आईबीडीएफ डिजिटल मीडिया से संबंधित सभी मामलों को संभालने के लिए एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनाने की प्रक्रिया में है।
आईबीडीएफ ने भारत सरकार द्वारा 25 फरवरी 2021 को अधिसूचित नई इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड के अनुसार एक स्व नियामक निकाय (सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी) भी बनाई है।
डिजिटल ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए इस सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी को डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल कहा जाता है, जो अपीलीय स्तर पर द्वितीय स्तरीय तंत्र है और ब्रॉडकास्ट कंटेंट कंप्लेंट काउंसिल के समान है।