Home ट्वीटर आखिर डॉनल्ड ट्रंप का ट्विटर से झगड़ा क्या है?

आखिर डॉनल्ड ट्रंप का ट्विटर से झगड़ा क्या है?

0

राजनामा.कॉम। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए हैं। अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर डाले कंटेंट की जिम्मेदारी इन प्लेटफॉर्मों के ऊपर सकती है। अब तक कंटेट के लिए सिर्फ यूजर जिम्मेदार होते थे।

ट्विटर पर हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने मेल इन वोटिंग में जालसाजी की बात कही थी। ट्विटर ने इस पोस्ट को टैग कर चेतावनी दी थी। इसके बाद से ही मामला गर्म हो गया और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ राष्ट्रपति का झगड़ा बढ़ता जा रहा है।

अमेरिकी कानून का सेक्शन 230 ऑनलाइन प्लेटफार्मों को सोशल मीडिया पर यूजर के डाले कंटेंट के लिए प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी से बचाता है। माना जाता है कि इस कानून की वजह से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सुरक्षा मिली हुई है।

TRUM TWITER 1राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश के जरिए इस कानून की समीक्षा का प्रस्ताव रखा है। कार्यकारी आदेश आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉमों के खिलाफ मुकदमा करना आसान हो जाएगा।

आम लोगों और बड़े सार्वजनिक स्तर के बीच की बाचतीत को सेंसर, रोकने, संपादन, आकार देने, छिपाने और आभासी रूप से बाधित करने का उनके पास अनियंत्रित अधिकार है। हम इससे तंग आ चुके हैं।

यह एक ऐतिहासिक कानून पर प्रतिक्रियावादी और राजनीतिक रवैया है। यह कानून अमेरिकी खोज और अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करता है जो लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित है। इसे एकतरफा रूप से खत्म करने की कोशिश ऑनलाइन अभिव्यक्ति के भविष्य और इंटरनेट की आजादी के लिए खतरा बनेगा।

ट्विटर के चीफ जैक डोर्सी मानते हैं कि फैक्ट चेक करने भर से हम “सच्चाई के पहरेदार” नहीं बन जाते। हमारा इरादा सिर्फ परस्पर विरोधी बयानों के बीच की खाली जगह को भरना और यह बताना है कि इस सूचना में विवाद क्या है ताकि लोग खुद फैसला कर सकें।

हम हमारी सेवाओं में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करने में भरोसा करते हैं, इसके साथ ही हमारे समुदाय को नुकसानदेह कंटेंट से बचाने में भी हमें विश्वास है, जैसे कि लोगों को वोट देने से रोकने वाला कंटेट भी।

फेसबुक के संस्थापक का कहना है कि फेसबुक को “सच्चाई का पहरेदार” बनने की जरूरत नहीं है। वो मानते हैं कि फेसबुक का काम सच और झूठ का फैसला करना नहीं है।

सोशल मीडिया परेशान करने वाला हो सकता है लेकिन एक कार्यकारी आदेश से एफसीसी राष्ट्रपति का भाषण पुलिस बन जाएगा। कार्यकारी आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी इसी आयोग की होगी।

error: Content is protected !!
Exit mobile version