अभी तक मैनें ऐसा एक भी एनजीओ जैसी जेबी संस्था नहीं देखी है..जो अपना काम इमानदारी से 15 फीसदी भी कर रहा हो।और खबरपालिका यानि मीडिया में जो जितना बड़ा दलाल है, व्यवस्था का उतना ही बड़ा पत्रकार..
जब तक इस देश में लोकपाल या जन लोकपाल की परिधि में एनजीओ जैसी सभी जेबी संस्थाओं समेत खबरपालिका यानि मीडिया को नहीं लाएंगे..तब तक भ्रष्टाचार मिटाने की बात बेमानी है.सिविल सोसाइटी का अर्थ भी स्पष्ट होनी चाहिए।