इस दुनिया में कुछ ऐसे भी दुर्लभ ज्ञानी हैं…जो दूसरों के विचार नहीं झेलपाते हैं और आगबबुले हो उठते हैं .
वे इतना भी नहीं समझ पाते कि आखिर वे कर क्या रहे हैं. जी हां, मैं बातकर रहा हूं…ब्तॉगर कृष्ण बिहारी मिश्र की.ये महाशय vidrhi24 url सेपत्रकारिता का सच नामक ब्तॉग लिखते हैं..उनमें ऐसी बातें होती है,जिसे शायदही कोई पचा सके….यदि आपने कोई कमेंट दिया तो उसे नजर पड़ते ही ये सर्वज्ञानी मिश्र जी मिटा डालते हैं….कुछ दिन पहले जब एक फ्रेंड ने इस बात कीजानकारी दी तो विश्वास नहीं हुआ लेकिन,खुद आजमाया तो यकीन हो गया.
बताते चलें कि ये साहब आज-कल रांची के एक कुकुरमुत्ता छाप हाल ही मेंउगे खबरिया चैनल में इनपुट कॉर्डिनेटर हैं और 3-4 माह बाद ही चैनल हेड बननेके लिए मालिक की चमचागिरी में दिन-रात जुटे हैं…इनकी गंदी राजनीति केशिकार होकर कई लोग चैनल को बाय बोल चुके है..कई बोलने वाले हैं….यह चैनलरातो रात करोड़ो-अरबों के मालिक बने एक बिल्डर का है. इसके पूर्व वे कईअच्छे चैनलों के चक्कर भी लगा चुके हैं..लेकिन अपने “अथाह ज्ञान” के बाबजूदकहीं नहीं टिक पाए..इन्होंने पत्रकारिता का इतिहास नामक एक दुबली-पतली हीसही एक पुस्तक भी लिखी है…बहुतेरे इसे पत्रकारिता का बकवास कहतेहैं….रांची की मीडिया में युवा प्रतिभा इन्हे ” स्वीट प्वायजन ” कहतेहैं. इनकी सोच है कि कोई यदि मीडिया हाउस के मालिक को नए पत्रकारो केहाथ-पैर से खून निकाल कर चरणों में अर्पित कर सकता है…तो उनमें सीधेदिलोदिमाग से निचोड़ने की क्षमता है.