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    Wednesday, April 24, 2024
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      न्यूज11 के मालिक अरुप चटर्जी ने की सरकारी सूत्र से बातचीत का ऑडियो वायरल

      बौखलाए न्यूज 11 चैनल के मालिक ने अब सरकारी सूत्र से बातचीत का ऑडियो अपने रिपोर्टरों से वायरल करवा खबर को सच साबित करने में जुटा गया है। उसने साक्ष्य देने के बजाय अपने गोपनीय सूत्र सरकारी अधिकारी को ही बना दिया मोहरा है। आगे सब कुछ जानने से पहले आप इस ऑडियो को गौर से सुनिए और तय कीजिए क्या पत्रकारिता धर्म इसकी अनुमति देती है

      ✍️ राजनामा डेस्क

      झारखंड के सरायकेला जिले का फर्जी और तथ्यहीन विवादित खबर चलाए जाने के बाद news11  का मालिक अरूप चटर्जी बौखला गया है।

      बीते शनिवार को news 11 अपने चैनल पर झारखंड के सरायकेला खरसावां जिला के चौका थाना क्षेत्र में अवैध कोयले का खेल होने का दावा कर रहा था।

      वैसे कोयले की खेल की खबर सुन स्थानीय मीडियाकर्मियों ने भी पूरे मामले की पड़ताल शुरू कर दी, लेकिन कहीं से भी अवैध कोयला लदा डंपर, हाईवा या ट्रक नहीं दिखा।

      वहीं इस मामले पर जिले के एसपी ने भी स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जिन 25 गाड़ियों में कोयला लदा होने का दावा किया जा रहा है, दरअसल उन सभी गाड़ियों में बिल्डिंग मैटेरियल्स ईटा, गिट्टी सीमेंट छड़ वगैरह थे, जो जिले के नक्सल प्रभावित इलाका रायजामा में बन रहे पुलिस पिकेट के लिए आए थे, जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच राड़गांव के रास्ते रायजामा भिजवाया गया।

      एसपी ने कोयले के कारोबार को लेकर खेल संबंधी खबर को तथ्यहीन और भ्रामक बताया।

      इधर news11 ने फिर से एसपी के बयान को धत्ता बताते हुए उन पर कोयले को पत्थर, गिट्टी, सीमेंट आदि में तब्दील करने का आरोप गढ़ दिया। इन सबके बीच news11 ने अवैध कोयले के कारोबार से संबंधित कोई भी पुख्ता प्रमाण न तो अपने चैनल पर दिखाया नहीं पुष्टि की।

      उधर जिला पुलिस की सख्ती से बचने के लिए चैनल के मालिक अरूप चटर्जी ने पत्रकारिता धर्म को गिरवी रखते हुए स्पेशल ब्रांच के अधिकारी सुनील कुमार झा से बातचीत का एक ऑडियो अपने रिपोर्टर के माध्यम से सभी सोशल मीडिया के ग्रुप में वायरल करवा कर यह साबित करने का प्रयास कर रहा है कि स्पेशल ब्रांच के ऑफिसर के कहने पर यह खबर चलाई गई।

      वैसे उसके इस कृत्य ने पत्रकार और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक खटास पैदा कर दिया है, जिससे अब पत्रकार और पुलिस के बीच रिश्ते संवेदनशील हो सकते हैं।

      हालांकि इस वायरल ऑडियो में कहीं से यह साबित नहीं हो रहा है कि स्पेशल ब्रांच का ऑफिसर उससे यह कह रहा है कि जिला में कहीं भी कोयले का अवैध कारोबार हो रहा है। ना ही उसके एवज में कहीं से भी पैसों का लेन-देन हो रहा है।

      वैसे वायरल ऑडियो में स्पेशल ब्रांच के ऑफिसर ने news11 के रिपोर्टर सुदेश का नाम लिया है।

      सवाल उठता है कि जब news11 का रिपोर्टर सुदेश वहां मौजूद था, तो उसने कोयले से लदे 25 गाड़ियों का वीडियो फुटेज और गाड़ियों का नंबर जरूर लिया होगा।

      फिर उसने जिला खनन विभाग या जिला पुलिस को इसकी सूचना क्यों नहीं दी ? और news 11 चैनल ने अपने चैनल पर उसे क्यों नहीं दिखाया?

      वैसे सवाल कई हैं, जिस पर जवाब देना अरूप चटर्जी को भारी पड़ सकता है। सूत्र बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान जमशेदपुर के होटल अलकोर मामले पर अपने दामन में लगे दाग को अरूप चटर्जी प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बना कर धोना चाह रहा है।

      वैसे हम अपने पाठकों को यह बताना जरूरी समझते हैं कि news11 सत्ता के साथ चलने वाला एक खबरिया चैनल है, जो मौका मिलते ही कभी भी फन उठाकर किसी को भी डंस सकता है।

      राज्य सरकार को ऐसे चैनलों के प्रसारण पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। ऐसे चैनलों के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारी और सरकार में बैठे लोगों पर अनावश्यक दबाव बनता है। news11 लिखता जरूर है कि सच है तो दिखेगा लेकिन सच को झूठ और झूठ को सच बनाना इस चैनल की फितरत रही है।

      और यही कारण है, कि एक छोटा एक मामूली रिपोर्टर आज करोड़ों में खेल रहा है। वैसे इसके पीछे सरकार में बैठे और प्रशासनिक अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका रही है।

      ऐसे चैनल के साथ काम करने वाले रिपोर्टर भी तनाव में काम करते हैं। चैनल की ओर से एकाध को छोड़ किसी भी रिपोर्टर को पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है।

      अरूप चटर्जी की अगर हम बात करें तो उस पर कई संगीन आरोप भी लग चुके हैं, लेकिन सरकार और प्रशासनिक मिलीभगत से वह हर बार बचता रहा है और ऐसे ही अधिकारियों पर दबाव बनाता रहा है।

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