Monday, December 4, 2023
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    जानिए कब क्यों हुई थी भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना, क्या हैं इसके प्रमुख काम ?

    नई दिल्ली (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना आज के दिन 1 अप्रैल 1935 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के तहत हुई थी।

    Know when the Reserve Bank of India was established what are its major functions 1आरंभ में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का मुख्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था, जिसे 1937 में हमेशा के लिए मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि पहले यह एक निजी बैंक था। 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया।

    सेंट्रल बोर्ड क्या होता हैः
    रिजर्व बैंक के सारे फैसले सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा किए जाते हैं। इस बोर्ड का गठन भारत सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट के तहत करती है।

    बोर्ड में 1 गवर्नर, 4 डिप्टी गवर्नर, 10 सरकार द्वारा मनोनीत विभिन्न क्षेत्रों के सदस्य, 2 सरकारी अधिकारी व प्रत्येक लोकल बोर्ड से 1 सदस्य सहित कुल 21 सदस्य होते हैं। सदस्यों को नियुक्त या मनोनीत अधिकतम 4 वर्षों के लिए ही कर सकते हैं।

    रिजर्व बैंक के प्रमुख कार्यः
    नोट जारी करना- देश में नोट( मुद्रा ) को प्रिंट करने का अधिकार सिर्फ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ही है। एक रुपए के नोट को छोड़कर जिसे, वित्त मंत्रालय छापता है के अलावा सभी तरह के नोट सिर्फ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही छापता है।

    सरकार के लिए बैंक- रिजर्व बैंक का दुसरा मुख्य काम है भारत सरकार और राज्यों की सरकारों के लिए बैंकर, एजेंट व सलाहकार के रूप में काम करना।

    राज्यों व केंद्र सरकार के सभी बैंकिंग संबंधित कार्य रिजर्व बैंक ही करता है। मौद्रिक और आर्थिक नीतियों पर केंद्र व राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण सलाह व सुझाव भी देता है। सरकारी घाटे के प्रबंधन का काम भी रिजर्व बैंक करता है।

    बैंकों का बैंक- दूसरे बैंक जो काम अपने ग्राहकों के लिए करते हैं वही काम रिजर्व बैंक देश के अन्य सभी बैंकों के लिए करता है। रिजर्व बैंक ही देश के सभी कमर्शियल बैंकों को पैसा उधार देता है।

    विदेशी रिजर्व का संरक्षक- विदेशी विनिमय दर को स्थिर रखने के लिए, रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा को खरीदता और बेचता है। साथ ही देश के फॉरेन एक्सचेंज मुद्रा भंडार को भी सरंक्षित करता है।

    जब अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा की सप्लाई कम या ज्यादा हो जाती है तब रिजर्व बैंक। फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में विदेशी मुद्रा को बेचता है।

    क्रेडिट का नियंत्रक- कमर्शियल बैंकों द्वारा उत्पन्न क्रेडिट को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भी रिजर्व बैंक पर ही होती है। रिजर्व बैंक दो तरीकों से अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त पैसों को आने से रोकता है। ये तरीके गुणात्मक और परिणात्मक तकनीक से देश में क्रेडिट फ्लो को नियंत्रित करते हैं।

    अन्य कार्य- रिजर्व बैंक उपरोक्त कार्यों के अलावा कई अन्य विकासात्मक कार्य भी करता है। आर्थिक डेटा इकट्ठा करना और प्रकाशित करना, मूल्यवान वस्तुओं को खरीदने के लिए सरकार को लोन देना, सरकारी सिक्योरिटी को खरीदना और बेचना आदि कार्य इसमें शामिल हैं।

    इसके अलावा रिजर्व बैंक आईएमएफ व अन्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व भी करता है।

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