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राँची प्रेस क्लब में पत्रकारों का धरना चौथे दिन भी जारी, स्वास्थ्य मंत्री ने बैजनाथ के ईलाज का लिया जायजा

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राजनामा.कॉम डेस्क। कांग्रेस-झामुमो नीत हेमंत सरकार के गठन के बाद झारखंड में पत्रकारों पर हमले और उनके साथ उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। पत्रकार बैजनाथ महतो पर जिस तरह से जानलेवा हमला हुआ है और पुलिस कार्रवाई कर रही है, उसने पूरी व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है।

Journalists strike in Ranchi Press Club continues for the fourth day Health Minister takes stock of Baijnaths treatment 4एक तरफ जहाँ हमले के बाद पत्रकार बैजनाथ महतो रिम्स अस्पताल में गंभीर हालत में मौत से जूझ रहे हैं, वहीं राँची समेत सूबे के पत्रकार हमलावरों के खिलाफ फौरिक कार्रवाई का दबाव बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।

खबर है कि आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पत्रकार बैजनाथ महतो का हाल जानने रिम्स अस्पताल पहुंचे और उनके ईलाज व्यवस्था का जायजा लिया। मंत्री ने रिम्स निदेशक को ईलाज में कोई कोताही नहीं बरतने के भी निर्देश दिए हैं।

मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बैजनाथ महतो को बेहतर इलाज के लिए प्रदेश के बाहर भी ले जाना पड़े तो रिम्स प्रबंधन कोई देर नहीं करे, उनकी सरकार तत्काल व्यवस्था करेगी।

इस दौरान रिम्स के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद और चिकित्सक डॉ. सीबी सहाय भी उपस्थित रहे।

वहीं, कोकर बाजार निवासी बैजनाथ महतो पर हुए हमले के बाद से राजधानी राँची के पत्रकारों में गहरा रोष व्याप्त है। पुलिस प्रशासन व अस्पताल प्रशासन की शिथिलता को लेकर रांची प्रेस क्लब में पत्रकारों का धरना चौथे दिन भी जारी है।

इस धरना में रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह सचिव अखिलेश सिंह कोषाध्यक्ष जयशंकर कार्यकारिणी सदस्य सुशील सिंह और सानू झा के साथ-साथ सुरेंद्र सोरेन, पिंटू दूबे, सुनील केदला, संजय रंजन, सन्नी शारद, विजय गोप, चंद्रशेखर कुमार, विपिन सिंह, चंदन दास, राकेश कुमार, अजय कुमार, अंकुर सिन्हा, अखिलेश मिश्रा, अमित दास, मोनू कुमार, ओम, कुणाल कुमार, मनीष सिंह, प्रदीप कुमार आदि शामिल बताए जाते हैं।

इसके पूर्व रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह के नेतृत्व में दर्ज़नों पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी नीरज सिन्हा से मुलाकात कर रांची एसएसपी, सदर डीएसपी और सदर थाना पुलिस की शिथिल भूमिका पर कड़े सवाल उठाए।

प्रतिनिधिमंडल की मांग थी कि पूरे मामले में शिथिल पुलिस अफसरों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हो। हमलावरों की भी अविलंब गिरफ्तारी की जाए। इस पर मुख्य सचिव और डीजीपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस दौरान एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, आईजी अमोल वी होमकर भी मौजूद थे।

उस मौके पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह ने अधिकारियों को बताया कि 10 सितंबर को सन्हा दर्ज कराने के बाद पुलिस अगर तत्काल कार्रवाई करती तो बैजनाथ पर जानलेवा हमला नहीं हुआ होता। बैजनाथ ने 10 सितंबर को ही सदर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी थी।

बता दें कि शनिवार की देर रात बेखौफ बदमाशों ने पत्रकार बैद्यनाथ महतो पर हत्या की नीयत से हमला किया। उनकी बेहरमी से पिटायी की गई। इतना मारा कि आगे के कई दांत टूट कर पेट में चला गए। सिर और गर्दन पर धारदार हथियार से वार किया गया। इसके बाद मरा हुआ समझ कर कोकर के तिरिल तालाब के पास सड़क किनारे फेंक दिया।

उसके बाद देर रात करीब तीन बजे पीसीआर टीम की नजर पड़ी तो बै उठाकर रिम्स में भर्ती कराया। उसके गर्दन और सिर पर घातक हथियार से प्रहार के निशान पाये गये। तबसे वे रिम्स के न्यूरो वार्ड के आईसीयू में भर्ती है। जहाँ उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

पत्रकार बैजनाथ महतो मूलरूप से जोन्हा के रहने वाले हैं। राजधानी में कोकर के तिरिल बस्ती में किराये की मकान में रहते थे। पुलिस के अनुसार घटना को लेकर मकान मालिक से बात हुई।

मकान मालिक के अनुसार शनिवार को रात एक बजे बैद्यनाथ से बात हुई थी तो उसने कहा कि वो अभी बरियातू में है कुछ देर में आयेगा।

वहीं शनिवार की शाम को बेंगा नामक एक बदमाश हथौड़ा लेकर अपने कुछ दोस्तों के साथ घूम रहा था। आशंका है कि बेंगा ने ही हथौड़े से मारकर बैजनाथ महतो को घायल किया होगा। जिस तरह से बैजनाथ के सिर पर चोट लगी है, उससे यह साफ है कि बैजनाथ को हथौड़े से ही मारा गया है।

उधर, पत्रकारों के बढ़ते दबाव के बीच  सदर थाना की पुलिस ने सोमवार को आरोपी बेंगा के तिरिल स्थित घर पर छापेमारी की। मगर वह फरार मिला। पुलिस उसके माता-पिता समेत आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। लेकिन हमलावरों का सुराग पाने में विफल रही। पुलिस ने आकाश उर्फ बेंगा की फोटो जारी करते हुए सूचना देने वालों को ईनाम की घोषणा की है।

 

 

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