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    Saturday, April 20, 2024
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      पत्रकार बसंत मामले को लेकर रांची प्रेस क्लब की आपात बैठक, सरकार को देगी 24 घंटे का अल्टीमेटम

      राज़नामा.कॉम। सरायकेला के पत्रकार पत्रकार बसंत साहू को जेल भेजे जाने की कार्रवाई के खिलाफ रांची प्रेस क्लब में अध्यक्ष राजेश सिंह की अध्यक्षता में आज आपात बैठक हुई। जिसमें क्लब के पदाधिकारी और कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस द्वारा चांडिल के पत्रकार बसंत साहू के...

      प्रधान सचिव की फटकार के बाद पत्रकार बसंत मामले में बैकफुट पर सरायकेला डीसी

      रांची (राजनामा.कॉम)। सरायकेला जिले के पत्रकार बसंत साहू प्रकरण का जल्द पटाक्षेप हो सकता है। मामले में राज्य के प्रधान सचिव के हस्तक्षेप के बाद उपायुक्त ए दोड्डे ने केस वापस लेने का संकेत दिया है। मिली जानकारी के अनुसार जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष रजत गुप्ता से बातचीत...

      पत्रकार बसंत साहू को लेकर हेमंत सरकार पर हमला तेज, ट्वीटर पर मरांडी तक बमके

      राजनामा.कॉम। सरायकेला के डीसी के खिलाफ राज्य में सियासत गरमा गई है। कई संगठनें इसको लेकर कल विरोध की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। बीते शनिवार को जिले के उपायुक्त के आदेश के बाद मान्यता प्राप्त पत्रकार बसंत साहू पर चांडिल बीडीओ ने चौका थाने में एफआईआर दर्ज ही न...

      रांची सांसद संजय सेठ ने सीएम हेमंत को लिखा- ‘पत्रकार बसंत साहू को अविलंब रिहा करे सरकार’

      राजनामा.कॉम। रांची के सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर चाण्डिल के पत्रकार वसंत साव को अविलंब रिहा करने की मांग की है उक्त जानकारी सांसद प्रेस प्रतिनिधि संजय पोद्दार ने मीडिया को देते हुए बताया कि कुछ दिन पूर्व पत्रकार बसंत साव ने सरायकेला खरसावां के...

      पत्रकार बसंत साहू को जेल भेजना प्रशासन की हिटलरशाही :दीपक प्रकाश

      राजनामा.कॉम। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरायकेला खरसावां  ज़िला प्रशासन द्वारा पत्रकार बसंत साहू को जेल भेजने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि हेमंत सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। यहां आम जन क्या, पत्रकार जन भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरायकेला खरसावां के वरिष्ठ पत्रकार...

      2100 देकर 3री पास कबाड़ी-पंचर-रिक्शा वाला बना पत्रकार, 5 गिरफ्तार

      लॉकडाउन में प्रेस का कार्ड लेकर पुलिस प्रशासन और लोगों पर रौब गांठने वालों की  कमी नही है। किसी भी मीडिया संस्थान के मालिकों को कथित फीस देकर कई फर्जी लोग कार में स्टिकर लगाए घूमते हुए मिल जाएंगे। कई जगह वे ऐसे फर्जी असली पत्रकार लगेंगे कि मजीठिया और सैलरी ...

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