“सभी अच्छे डॉक्टर्स भगवान के भेजे हुए दूत हैं। ये इस पृथ्वी के लिए एक तोहफा हैं। लेकिन, अगर कोई डॉक्टर होते हुए भी गलत काम करता है तो ये उस व्यक्ति की ही गलती है….
नई दिल्ली (इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क)। अपने अजीबोगरीब हरकतों और बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बाबा रामदेव जल्द ही कोविड वैक्सीन लगवाएगें।
खबर है कि एलोपैथी से इलाज को सबसे बड़ा झूठ बताकर विवादों में घिरे बाबा रामदेव ने यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने जल्द ही वैक्सीन लगवाने का ऐलान किया है। साथ ही कहा है कि सभी लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लें।
रामदेव ने कहा कि लोगों को योगा और आयुर्वेद भी अपनाना चाहिए। ये दोनों चीजें बीमारियों के खिलाफ कवच का काम करेंगी और कोरोना के चलते होने वाली मौतों में भी कमी आएगी।
रामदेव ने सरकार के फ्री वैक्सीनेशन के ऐलान और वैक्सीनेशन ड्राइव के डीसेंट्रलाइजेशन के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि 21 जून से देश के हर नागरिक का वैक्सीनेशन मुफ्त किया जाएगा, यह सरकार का ऐतिहासिक ऐलान किय है।
उन्होंने कहा कि सभी अच्छे डॉक्टर्स भगवान के भेजे हुए दूत हैं। ये इस पृथ्वी के लिए एक तोहफा हैं। लेकिन, अगर कोई डॉक्टर होते हुए भी गलत काम करता है तो ये उस व्यक्ति की ही गलती है।
बता दें कि हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने योग गुरु बाबा रामदेव पर एलोपैथी इलाज के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को लिखे पत्र में आइएमए ने कहा था कि सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बाबा एलोपैथी को बकवास और दिवालिया साइंस कह रहे हैं।
इसके बाद आइएमए ने रामदेव को एक लीगल नोटिस भेजा था। डॉक्टर्स की संस्था ने रामदेव पर मुकदमा चलाने की मांग भी की थी।
आइएमए ने पत्र में लिखा था कि इससे पहले कोरोना के लिए बनाई गई अपनी दवा की लॉन्चिंग के दौरान भी रामदेव ने डॉक्टर्स को हत्यारा कहा था। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री भी मौजूद थे।
इसके बाद रामदेव की संस्था पतंजलि ने बयान जारी कर आरोपों को गलत बताया था। पतंजलि ने कहा था कि मॉडर्न साइंस और उसकी प्रैक्टिस करने वाले लोगों के प्रति बाबा रामदेव कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने चिट्ठी लिखकर बाबा रामदेव से बयान वापस लेने के लिए कहा। हर्षवर्धन ने कहा था कि एलोपैथी से जुड़े हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टर बहुत मेहनत से कोरोना मरीजों की जान बचा रहे हैं। आपके बयान से कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। उम्मीद है कि आप अपने बयान को वापस लेंगे।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने कहा कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं।