अन्य
    Thursday, April 25, 2024
    अन्य

      अर्जुन मुंडा यानि अंधेर नगरी का चौपट राजा

      munda1

      कानून
      की नजर में सब समान होते हैं लेकिन, झारखंड में ऐसी स्थिति देखने को नहीं
      मिलती….

      बात
      चाहे अतिक्रमण और एकतरफा कार्रवाई की हो या पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदत्त
      सरकारी सुविधा कम करने की.
      न्यायालय
      के आदेश पर सरकार समूचे प्रदेश में अतिक्रमण हटाने के कार्य में जी जान से जुटी
      हैं..नित्य दिन हजारों झोपड़ियां उजाड़ी जा रही हैं… 60-70 सालों से बसे गरीबों
      की बड़ी-बड़ी बस्तियां तक को प्रशासन के बुल्डोजर बेदर्दी से रौंद रही है….उनमें
      बसर करने वाले लाखों लोग कहां जाएंगे
      ….इसकी जरा सा भी फिक्र
      हेमंत-सुदेश-मुंडा गिरोह और उसके सरगना शिबू सोरेन को नहीं है.
      उधर,राजधानी
      रांची हो या बोकारो, जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद जैसे शहर…कहीं भी बड़े-छोटे भूमि
      माफियाओं के खिलाफ सरकार ने ठीक से अपनी नज़र तक न उठाई है.
      उल्टे
      एक अध्यादेश के तहत उन्हें बचाने-पोषने की व्यापक व्यवस्था कर रही है. समूचे
      प्रदेश के किसी भी हिस्से से अमीरों के अवैध बंगलों को गिराने की कोई खबर नहीं है.
      न्यायालय
      के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद बाबूलाल मरांडी से सरकारी आवास खाली करा
      लिया गया है…जो प्रमुख विरोधी दल झाविमो के सुप्रीमों हैं.लेकिन न्यायालय का यही
      आदेश झामिमो के सर्वोसर्वा नेता शिबू सोरेन लागू नहीं किया गया है..और संभव है कि
      मुंडा सरकार के रहते यह लागू भी न हो.. शिबू सोरेन प्रदेश के 3 बार ऐसे
      मुख्यमंत्री रहे हैं,जो सदन में कभी बहुमत शामिल नहीं कर पाए और वर्तमान में सांसद
      हैं..फिर भी वो सारी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं,जो उन्हें मुख्यमंत्री रहते नसीब
      था.
      मरांडी
      जी का आवास खाली कराया जाना गलत नहीं है..लेकिन शिबू जी से सरकारी आवास खाली न
      कराया जाना कानून के पालन में भेद जरुर स्पष्ट करता है.
      फिलहाल
      झारखंड में भाजपा-झामुमो-आजसु-जदयू की अर्जुन मुंडा सरकार कहीं से भी कानून का
      पालन करती नहीं दिख रही है..मेरी सीधी नज़र में वह प्रदेश का सबसे बड़ा गुंडा माने
      जा सकते हैं..यहां की मीडिया से जुड़े प्रभावशाली पत्रकार लोग भी सरकार की चौखट पर
      जुठन चाटने वाले
      “…….”
      से अधिक नहीं दिखते.

      संबंधित खबर
      error: Content is protected !!