इस संदर्भ में पिछले दिन जो ठोस जानकारी मिली…वह अत्यंत चौकाने वाली ही नहीं, अपितु एक महापाखंड को रेखांकित करती है. कहते हैं कि यहां मां छिन्न मस्तिके की मूर्ति को चोरों ने खंडित नहीं किया..उनके आभूषण नहीं उड़ाए. यह सब कारस्तानी कबाब,शराब और शबाब में मस्त उन पंडो की थी, जिन पर मां की सेवा सत्कार करने का ठेका हमारे समाज ने दे रखा है.
श्री चौधरी के इन वेबाक शब्दों में छुपी है सारे रहस्य…सदैव गांधीवादी टोपी और विचार समेटे आदर्श जीवन काट रहे श्री चौधरी की एक बड़े इलाके में एक अलग सामाजिक पहचान तो है ही..वे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो के नाना और कबीना मंत्री चन्द्रप्रकाश चौधरी के पिता भी हैं.
अब सबाल उठता है कि ऐसे में प्रदेश की पुलिस-प्रशासन अब तक एक विश्वव्यापी घटना के किसी बिन्दु पर क्यों नहीं पहुंच पायी है और यहां की मीडिया भी इन सब तथ्यों से अपना मुहं क्यों मोड़ रखा है……ये सब जानिए अगली कड़ी में……