राज्य के ऊंचे ओहदेदार के भाई बताए जा रहे अभितेष चौधरी ने परिवाद पत्र में फिल्म को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा है कि इससे अंबेडकरवादी समाज विकास परिषद के सदस्याओं के अलावा हजारों-लाखों लोग आहत हुए हैं। परिवाद पत्र में फिल्म के एक संवाद -‘हम मेरिट में विश्वास रखते हैं आरक्षण में नहीं’ पर आपत्ति जताई गई है। परिवादी ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के साथ मामले को अनुसूचित थाने में दर्ज कराने की मांग की है। मामले की सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
फिल्म के प्रमोशन पर आपत्ति :
परिवाद पत्र में तीन अगस्त को पटना के पीएंडएम मॉल में हुए प्रमोशनल कैंपेन का जिक्र करते हुए बताया गया है कि फिल्म के मुख्य किरदार अमिताभ बच्चन और निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए लोगों को फिल्म देखने का आग्रह किया। परिवाद में यूपी की मायावती सरकार द्वारा फिल्म के प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं देने और महाराष्ट्र के घटनाक्रम का भी हवाला दिया गया है।
प्रोमो से हो रहे अपमानित :
केस की पैरवी कर रहीं अधिवक्ता श्रुति सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में काफी स्थानों पर फिल्म के प्रोमो दिखाए जा रहे हैं जिससे अनुसूचित जाति के लोग लगातार अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आरक्षण फिल्म के निर्माण में धन लगाने से लेकर प्रचार-प्रसार करने वाले सभी लोगों को दोषी बताया है।