-अभिषेक कुमार-
दरभंगा। पिछले एक साल के अंदर शहर में केवल ऑपरेटर की होड़ शुरू हुई और नए नए केवलो को लोकल न्यूज़ चैनल की जरूरत महसूस हुई परंतु पहले से चल रहे अवैध या वैध लोकल चैनलों की संख्या कम थी।
फलस्वरूप अचानक चैनल का मालिक बनने मौका मिलने से कुछ लोगों ने इसे अवैध/वैध कमाई का बड़ा मौका के रूप में लिया और शुरू कर दिया खबरिया चैनल। शुरु करने का खर्चा मात्र पांच सौ रुपये।
पांच सौ रुपये में पोस्ट ऑफिस से केबल ऑपरेटर बनने का निबंधन लेकर लोग चैनल के मालिक बन बैठे। अब जो पहले से तथाकथित मीडिया से जुड़े हैं, कंप्यूटर या लैपटॉप एवं कैमरा आदि रहता ही है।
नही भी है तो कोई बात नही। शादी-विवाह में वीडियो रिकॉर्डिंग करने वालो को पत्रकार बनने ऑफर दे देते हैं और कल तक शादी विवाह में कैमरा चलाने वाले तथाकथित लोग आज अचानक बड़े सम्मानित पत्रकार बन गए। तो इनकी गुणवत्ता का नमूना भी समय समय पर दिखता रहता है।
एक उदाहरण हाल ही में दरभंगा आये पदाधिकारी के सामने कैमरा तानने में भी गुणवत्ता का नमूना दिखा। ऐसे लोगो को पत्रकार बनाकर चैनल सैलरी नही देती,बल्कि उलटे जवायनिंग चार्ज लेती है और मासिक उगाही का टारगेट देती है।
अब ये पत्रकार भी उगाही करके अपना और चैनल का पेट पालते हैं। साथ ही साथ पत्रकारिता के आड़ ने अपना कोई व्यवसाय खोल लेते हैं जो इनके पत्रकारिता के धौंस पर चलता है।
चैनल को भी खबर कौन सा पूरा दिन दिखाना होता है। यहां 24 घंटे चैनल का मतलब ये है कि खबर एक घंटे का मुश्किल से बनता है तो उसी को रिपीट करके पूरा 24 घंटा चलता है। कुछ चैनल बाकी समय न्यूज़ चैनल पर नाच गाना चलाते हैं तो कुछ लोग न्यूज़ चैनल पर ही स्कूल कोचिंग चलाते हैं।
इस प्रकार मात्र पांच सौ रूपया खर्च करके कोई भी दरभंगा में चैनल का मालिक बन सकता है और लाखो कमा सकता है। रही बात प्रशासनिक अड़चन की तो उसका भी टेंशन नही है। क्योंकि किसी एक को अड़चन आई तो सबको समस्या हो जायेगी और सालो साल से प्रशासनिक पकड़ बनाये लोकल चैनल के पुराने आका इसे मैनेज कर लेंगे।