“सबाल उठता है कि एक राष्ट्रीय व सार्वधिक बिक्री वाला अखबार होने का ढिंढोरा पीटने वाले दैनिक भास्कर की गया जिला भास्कर टीम ने आखिर इतना ड्रामेबाजी क्यों की। इसे भास्कर टीम की मानवीय गलती मानी जाए या फिर मीडिया हाउस द्वारा आए दिए दिन उजागर हो रहे घृणित खेल का नमूना…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। गया जिले के टर्न कुप्पा निवासी राम प्रीत सिंह ने दैनिक भास्कर में प्रसारित “कूपन काटो 15 करोड़ जीतो” के तहत कूपन को काटकर जमा किया था। उसने स्थानीय रिटेलर को पूरे कूपन को जमा किया था।
इस अखबारी लॉट्ररी का जब ड्रा निकाला गया तो राम प्रीत सिंह को एसयूबी कार फंसा। इसके बाद दैनिक भास्कर के गया कार्यालय के टीम ने फोन करके रामप्रीत सिंह को कहा कि आप प्रतियोगिता में एसयूवी कार जीत लिया है, इसलिए आप खाने पीने की अच्छी व्यवस्था एवं ढोल बाजे के साथ गांव के सभी लोग को बुला कर जमा करें। हम लोग आ रहे हैं।
यह बात सही निकला। दैनिक भास्कर की टीम उक्त गांव में पहुंचकर रामप्रीत सिंह को एसयूवी कार का नमूना दिखाया एवं चाबी सौंपी। जिस पर पूरे ग्रामीण खुशी से झूम उठे और भास्कर टीम के लिए ठोल बाजे के साथ खाने पीने हरसंभव व्यवस्था की।
लेकिन दुर्भाग्य कि दैनिक भास्कर की टीम खा-पीकर के चला गए और बाद में फोन करके इनामी व्यक्ति को बोला कि लकी ड्रॉ में आपकी नहीं बल्कि, ईनाम के तौर पर किसी दूसरे व्यक्ति को कार फंसा है।
अब सबाल उठता है कि एक राष्ट्रीय अखबार का ढिंढोरा पीटने वाले दैनिक भास्कर की गया जिला भास्कर टीम ने आखिर इतना ड्रामेबाजी क्यों की। इसे भास्कर टीम की मानवीय गलती मानी जाए या फिर मीडिया हाउस द्वारा आए दिए दिन उजागर हो रहे घृणित खेल का नमूना।
सारा खर्चा-बर्चा करने के बाद इनामी व्यक्ति ने इतनी बड़ी गलती पर भास्कर टीम कार्यालय से संपर्क किया तो उधर से कहा गया कि “आपको होम थिएटर फंसा है और आप को गलत ढंग से बताया गया कि आपको कार फंसा है, इसलिए आपको होम थिएटर के साथ एक आकर्षक इनाम दिया जाएगा।
लेकिन इस पर इनामी व्यक्ति जब राजी नहीं हुआ तो बाद में गोल मटोल करके कार को किसी अन्य व्यक्ति के पास बेच दिया गया और प्रतियोगिता जीतने वाले व्यक्ति को ठेंगा दिखा दिया गया।
इधर दैनिक भास्कर टीम की इस ठगी के खिलाफ पीड़ित ने कठोरतम कानूनी कार्रवाई की है और शीर्ष प्रबंधन को जो इनामी कार मिला है, उसे तुरंत दिलाने की मांग की है।