समुद्री तूफान ‘फैलीन’ की आहट से देश के चार राज्यों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ये चक्रवाती तूफान दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से बंगाल की खाड़ी से भारत की तरफ लगातार बढ़ रहा है। इसके शनिवार की शाम तक ओडिशा के तट से टकराने की आशंका है। इसका दायरा इतना बड़ा होगा कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश के करीब 20 जिलों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से भी इसकी चपेट में सकते हैं। करीब सवा करोड़ लोगों के तूफान से प्रभावित होने की आशंका है।
महातूफान के आने की आहट है, जिसके खौफ में जी रहे हैं देश के दो राज्य, तटीय उड़ीसा और आंध्र प्रदेश। मौसम विभाग ने सावधान कर दिया है। फैलीन को महातूफान इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये तूफान 200 से लेकर 250 किलोमीटर की रफ्तार से तट से टकरा सकता है। जाहिर है जब हवा की रफ्तार करीब ढाई सौ किलोमीटर प्रति घंटे की हो तो जरा सोचिए क्या होगा कच्चे और कमजोर मकानों का।
जाहिर है महातूफान की भयानक रफ्तार के आगे कच्चे और कमजोरर मकान उड़ जाएंगे। बिजली के तार और पोल भी तूफान में उड़ सकते हैं। मोबाइल टॉवर गिर सकते हैं या उन्हें नुकसान हो सकता है यानि बिजली हो, या फिर संचार नेटवर्क सब पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। वो ठप हो सकते हैं। डीजी मेट लक्ष्मण सिंह राठौर ने बताया कि इससे काफी नुकसान होने की संभावना है। संचार के साधन और रास्ते टूट सकते हैं। घरों को नुकसान हो सकता है। सबसे ज्यादा नुकसान उड़ीसा और आंध्रप्रदेश में होगा।
सैटेलाइट की तस्वीरों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर दिख रहा चक्रवाती तूफान पाइलीन धीरे धीरे और तेज होता जा रहा है। गुरुवार को मौसम विभाग ने कहा था कि तूफान की रफ्तार 185 किलोमीटर तक होगी। लेकिन शुक्रवार को मौसम विभाग ने बताया कि पाइलीन तूफान शनिवार को 200 से लेकर 250 किलोमीटर की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ओडिशा में गोपालपुर के पास तट से टकराएगा। लक्ष्मण सिंह राठौर का कहना है कि तूफान 175 प्रति घंटे की रफ्तार से कल तक चल रहा था लेकिन आज इसकी 200-220 प्रति घंटे की रफ्तार है और आगे संभावना है यही तीव्रता रहेगी। गोपालपुर के पास वो मेन लैंड को टच करेगी।
महातूफान कितना बड़ा और ताकतवर हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि फिलहाल बंगाल की खाड़ी में उसका आकार भारत के आकार का करीब आधा है। पाइलीन की वजह से ओडीशा और आंध्र के 23 जिलों पर संकट मंडरा रहा है। सबसे ज्यादा असर तटीय जिलों में होगा। जो जिले सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे वो हैं ओडीशा के गंजाम, पुरी, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर। ओडीशा में करीब 1 करोड़ लोग तूफान से प्रभावित हो सकते हैं। आंध्र प्रदेश का श्रीकाकुलम भी खासा प्रभावित हो सकता है और आंध्र में करीब 25 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक तूफान फैलीन के आने से समुद्र भी रौद्र रूप धारण कर सकता है। 4 से 6 मीटर तक उंची लहरें उठ सकती हैं। इस वजह से नदियों का पानी समुद्र में नहीं जा सकेगा बल्कि समुद्र का पानी ही नदियों में आ जाएगा। इससे नदियां उफन जाएंगी जिस वजह से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे। शुक्रवार सुबह से ही इन इलाकों में तेज बारिश और हवाएं शुरू हो गई हैं। तूफान और तेज बारिश की वजह से तटीय इलाकों में सड़कें भी कट सकती हैं जिससे यातायात ठप हो सकता है। तेज हवा के चलते हवाई यातायात पर भी असर पड़ सकता है। यही नहीं 150 से 250 मिलिमीटर तक भारी बारिश हो सकती है। महातूफान के मद्देनजर तूफान कंट्रोल रूम बनाया गया है।
महातूफान के मद्देनजर ओडीशा और आंध्र की सरकारों ने तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। सेना और वायुसेना अलर्ट पर हैं। निचले इलाकों से लोगों को पूरी तरह से हटाने का मौसम विभाग ने सुझाव दिया है। तूफान की चपेट में आने वाले इलाकों में राहत कार्य चलाने के लिए हेलीकॉप्टर और भोजन के पैकेट तैयार रखे गए हैं। मछुआरों को समुद्र में जाने से मना कर दिया गया है। साथ ही रेल और सड़क परिवहन के संचालन में भी सावधानी बरतने का सुझाव दिया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक तूफान के कारण शनिवार की सुबह से तटीय ओडीशा और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में बेहद भारी बारिश होगी। इन राज्यों के आसपास के इलाकों में भी बारिश होगी। हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल इसे सुपर साइक्लोन कहना सही नहीं होगा। लक्ष्मण सिंह राठौर के मुताबिक सुपर साइक्लोन कहना सही नहीं होगा जब तक कि 6.5 के लेवल को पार ना ले। कलिंगपट्टनम से पराद्वीप तक हमने अलर्ट जारी किया है। साइक्लोन के टकराने के बाद नुकसान कम इसके लिए हमने प्रबंध किया है।
इस महातूफान का असर ओडीशा और आंध्र प्रदेश के अलावा बिहार, बंगाल और झारखंड पर भी पड़ सकता है। बिहार के कोसी, गया, नवादा और बिहार शरीफ पर तूफान का असर हो सकता है। तेज बारिश और हवाएं चल सकती हैं। इन राज्यों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन को किसी भी मुश्किल से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। (एजेंसी)