राजस्थान पुलिस ने सोमवार को तीन कथित पत्रकारों और उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर अवैध वसूली करने का आरोप है।
राजस्थान के उदयपुर जिला पुलिस को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर स्थित ढाबों से पत्रकारों द्वारा अवैध वसूली की खबरें मिल रही थी, जिसके चलते ही पुलिस ने अपना जाल बिछाया और वसूली करने आए तीन कथित पत्रकार और दो सहयोगियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों में दो युवतियां और तीन पुरूष हैं जिसमें से एक युवती और दो युवक खुद को टाइम टीवी का पत्रकार बता रहे हैं तो बाकी के दो सदस्य सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों ने पिछले दस दिनों में 11 वारदातें कर साढ़े दस लाख रुपए की अवैध वसूली करने की बात स्वीकार की है। उन लोगों से अलग अलग चैनल के फर्जी परिचय पत्र भी जब्त किए गए हैं।
दो युवतियों में से एक युवती को जिला रसद अधिकारी बनाकर, जिस ढाबे पर टैंकर खड़ा होता, वहां दबिश देते और साथ में चैनल का कैमरा और माइक आईडी लेकर पत्रकार सरिता और उसके कैमरामैन समेत इस अवैध वसूली के मुख्य सरगना महावीर सिंह नरूका खबर चलाने की धौंस जमाते हैं।
इस पर टैंकर चालक और ढाबा संचालक भय में आकर मामले के निपटारे का प्रयास करते हैं तो ये लोग उससे लाखों रुपए वसूल कर फरार हो जाते हैं। इसी तरह की कई वारदातों को चित्तौड़ और सिरोही जिले में भी अंजाम दी गई जहां आरटीओ तक को धमकाने की कोशिश की गई। पत्रकारिता का धौंस जमाते हुए ये सभी कई बार डाक बंगलों में भी रुक चुके हैं।