किशनगंज के पत्रकार अमित कुमार को स्थानीय पुलिस द्वारा झूठे मुकदमा में फ़साने की घटना का इंडियन जर्नलिस्ट एसोसियन ने कड़ी निंदा की है।
प्रदेश संयुक्त सचिव संजय कुमार सुमन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसी घटना पत्रकारिता की आजादी के लिए खतरा है। समाज के चौथे स्तंभ माने जाते मीडिया को खुलकर लिखने व लोगों के सामने सच्चाई पेश करने की पुरा अधिकार है। परन्तु लोगों की आवाज को उठाने वाले पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फ़साना सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि मामले की जाँच कर अगर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार न किया गया, तो संघर्ष शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पत्रकार अमित जो कि प्रशासन की प्रशासनिक खामियों को बराबर उजागर करने का न्यूज बेखूबी , बेवाक, निर्भिक होकर दिखाया करते थे जिस वजह से यह मामला साजिशन स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया प्रतीत होता है। इसमें स्थानीय थानाध्यक्ष का पत्रकार विरोधी नीति व कार्य निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि पत्रकार पर दबाव बनाने और अपनी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिऐ उन पर झूठे मामले दर्ज कराने से राजनैतिक लोग बाज नहीं आ रहे वही पुलिस प्रशासन भी पत्रकारो पर मामले दर्ज करने के लिये वेतावी से इंतजार करते है।
उन्होंने कहा कि झूठा मामला वापिस लिया जाऐ।पत्रकार स्वतंत्रता का चौथा स्तभ होता है और इस प्रकार कि कार्यवाही से उसका मनोबल गिरता है।