कर्नाटकः रेत माफिया के खिलाफ अभियान चलाने वाले आइएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की गूंज कर्नाटक में विधानसभा से सड़क तक सुनाई दे रही है। विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा में यह मामला उठाते हुए सरकार पर एक ईमानदार अफसर को बचा पाने में विफल रहने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर, कोलार जिले में मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए। स्थानीय विधायक वर्तुर प्रकाश के कोलार स्थित आवास पर पथराव भी किया गया। प्रदर्शनकारियों में कुछ राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल थे।
रवि ने कोलार के उप आयुक्त के तौर पर ही रेत माफिया के खिलाफ अभियान चलाया था। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगे और आइएएस डीके रवि की मौत की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग करेंगे।
जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार जब तक आइएएस ऑफिसर डीके रवि की मौत की जांच का मामला सीबीआइ को नहीं सौंपा देती, तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जिस तरह पोस्टमार्टम की जगह पर पहुंचे उससे लोगों को शक हो रहा है कि जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
रेत और भूमि माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर चर्चा में आए रवि ने सोमवार को अपने आवास पर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। बेंगलुरु में अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने भूमि माफिया के खिलाफ अभियान चलाया था।
आंदोलन बढऩे की आशंका से डिपार्टमेंट ऑफ प्री-यूनिवर्सिटी एजुकेशन ने 17 मार्च से 28 मार्च तक चलने वाली गणित और भूगोल की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त एमएन रेड्डी ने बताया कि फोरेंसिक जांच और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है।
संसद में भी उठा मामला
नई दिल्ली में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इसे राज्य सरकार का मामला बताते हुए इसमें केंद्र के हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है।
उन्होंने इसे गंभीर घटना बताते हुए कहा कि आज संसद में भी यह मामला उठाया गया। रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के जवाब की प्रतीक्षा कर रही है।
सीआइडी जांच की घोषणा
विधानसभा में डीके रवि की मौत का मामला उठाते हुए विपक्षी दलों ने घटना की सीबीआइ जांच कराने की मांग की। लेकिन इसे ठुकराते हुए मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सीआइडी से जांच कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा और जदएस के सदस्यों ने सदन में जबर्दस्त हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को राजी करने की कोशिश की, लेकिन विफल रहे।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि रात में भी उनका धरना जारी रहेगा। इससे पहले दिन में विधानसभा में जब इस मसले पर चर्चा चल रही थी, उस वक्त पर्यटन मंत्री आरवी देशपांडे और वन मंत्री रामनाथ राय को झपकी लेते देखा गया।
बिल्डरों पर छापे की योजना बना रहे थे रवि
सामाजिक कार्यकर्ता गणेश एस. कौंडिण्य ने दावा किया है कि मृत आइएएस अधिकारी डीके रवि कर चोरी के मामलों को उजागर करने के लिए कुछ बड़े बिल्डरों के खिलाफ छापेमारी की योजना बना रहे थे।
उन्होंने कहा कि पिछले बृहस्पतिवार और शुक्रवार को उनकी रवि से बात हुई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि कुछ बिल्डरों और हाउसिंग सोसाइटी के खिलाफ अभियान चलाकर वे पहले ही चार सौ करोड़ रुपये वसूल चुके थे।
अब उनकी योजना बेंगलुरु के कुछ बड़े बिल्डरों के खिलाफ छापा मारने की थी। कौंडिण्य के मुताबिक, इसके लिए रवि उनसे कुछ दस्तावेज हासिल करना चाह रहे थे।
‘मैं उस कमरे में गया था, जहां पंखे से उनकी लाश झूल रही थी। मुझे हैरानी हुई कि पंखा बिलकुल सही-सलामत था। उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। यह हैरान करने वाला है।’ -एचडी कुमारस्वामी, पूर्व मुख्यमंत्री